ट्रांसफर पॉलिसी की अनदेखी कर 500 शिक्षकों को ट्रांसफर कर नए स्टेशन पर ज्वाइन करवाने के बाद वापस पुराने स्टेशन भेजने के फैसले को प्रदेश सरकार ने वापस ले लिया है। सरकार की तरफ से सोमवार को हाईकोर्ट में जवाब दायर कर कहा गया कि इस संबंध में 10 अगस्त का फैसला वापस ले लिया गया है। हाईकोर्ट ने इस
हलफनामे के बाद याचिका का निपटारा कर दिया है। इससे हाईकोर्ट ने सरकार की नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी थी और शिक्षकों को वापस पुराने स्टेशन पर भेजने पर यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अलग-अलग याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार की 29 जून की ट्रांसफर पॉलिसी के तहत प्रदेश भर के शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए ऑन लाइन नए स्टेशन के विकल्प को चुनने का मौका दिया गया था। विकल्पों को वेबसाइट पर शिक्षकों द्वारा चुना गया और इसी के अनुरूप चुने गए स्टेशन पर शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया था। याची ने कहा कि शिक्षकों ने अपनी ड्यूटियां नए दिए गए स्टेशनों पर ज्वाइन कर ली। इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा पॉलिसी के खिलाफ 10 अगस्त को एक आदेश जारी किए जिसमें नए अलॉट स्टेशनों से 500 शिक्षकों को दोबारा उनके पहले स्टेशन पर वापस भेजने का फैसला ले लिया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि एक बार ट्रांसफर करने और याचिकाकर्ता द्वारा ज्वाइन कर लेने के बाद दोबारा उसी सेंटर पर वापस भेजना गलत है। शिक्षा विभाग के इस फैसले से याचिकाकर्ता समेत लगभग 500 शिक्षक भी प्रभावित होंगे।
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साभार: भास्कर समाचार
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