उड़ी हमले के 10 दिन बाद इंडियन आर्मी ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया। पहली बार लाइन ऑफ कंट्रोल पार की और पाक के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया। आर्मी ने तो आंकड़े नहीं बताए, लेकिन माना जा रहा है कि सर्जिकल कमांडो स्ट्राइक में कुल 38 अातंकी मारे गए। पीओके के 2 किमी अंदर 7 आतंकी कैम्प्स को भारी नुकसान पहुंचा। इस दौरान क्रॉस फायरिंग में पाक आर्मी के भी 2 सैनिक मारे गए। भारत के इस एलान के बाद पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि हम अमन चाहते हैं। भारत इसे हमारी कमजोरी न समझे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बता दें कि 45 साल में छठी बार ऐसा हुआ है कि हमारी सेना ने सीमाओं से परे जाकर ऐसी साहसिक कार्रवाई की है।
डीजीएमओ ने क्या किया खुलासा:
- डीजीएमओ रणवीर सिंह ने कहा, ''कल बहुत ही भरोसेमंद और पक्की जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकी एलओसी के साथ लॉन्च पैड्स के अंदर इकट्ठा हुए हैं। वे इस इरादे के साथ इकट्ठा हुए थे कि घुसपैठ कर सीमा के इस तरफ जम्मू-कश्मीर के अंदर या भारत के अहम शहरों में आतंकी हमले कर सकें।
- यह खबर मिलने के बाद भारतीय सेना ने कल रात आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक किए। इसका मकसद आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करना था जो हमारे देश के लोगों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।
- हमारे सर्जिकल स्ट्राइक में कई आतंकी मारे गए। एलओसी पार उन्हें भारी नुकसान पहुंचा। यह ऑपरेशन अभी खत्म हो गया है। इसका मकसद आतंकियों से निपटना था। हमारा तुरंत ऐसा कोई ऑपरेशन दोबारा चलाने का इरादा नहीं है। लेकिन भारतीय आर्म्ड फोर्सेस किसी भी आपात स्थिति का जवाब देने को पूरी तरह तैयार है।
- मैंने पाक के डीजीएमओ से बात कर उन्हें कल रात के ऑपरेशन की जानकारी दी। हम किसी भी सूरत में आतंकियों को एलओसी के पार बेझिझक हरकत नहीं करने दे सकते। हमें यह गवारा नहीं होगा कि आतंकी हमारे देश के अंदर किसी भी नागरिक को नुकसान पहुंचा सकें।
- पाक ने जनवरी 2004 में भराेसा दिलाया था कि वे अपनी सरजमीं का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होने देंगे। हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने वादे पर कायम रहेगा और कोऑपरेट करेगा।
कैसे हुआ सर्जिकल स्ट्राइक?
- इंडियन आर्मी के पैरा कमांडोज ने एलओसी पारकर इसे अंजाम दिया। एयरफोर्स की मदद नहीं ली गई। सिर्फ पैराकमांडो शामिल थे जिन्हें एलओसी तक हेलिकॉप्टरों के जरिए पहुंचाया गया।
- बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात 12.30 बजे यह ऑपरेशन शुरू हुआ जो 4 घंटे चला। 5 आतंकी कैम्प पर सर्जिकल स्ट्राइक किए। हमारे कमांडो पाक के कब्जे वाले कश्मीर में 2 किमी अंदर तक घुस गए। 38 आतंकी मार गिराए।
- पाकिस्तान इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन्स ने माना कि भारत ने एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ भिम्बेर, हाॅटस्प्रिंग, केल और लिपा सेक्टर में हमला किया।
- बताया जा रहा है कि भारतीय कमांडोज का जवाब देने पाक आर्मी आगे आई लेकिन काउंटर ऑपरेशन में पाक के भी दो सैनिक मारे गए।
दिलचस्प घटनाक्रम जो बता रहा है कि कैसे जारी थी हलचल:
- सार्क समिट का बायकॉट: दो दिन पहले भारत ने एलान किया कि वह नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाली सार्क समिट का बायकॉट करेगा। चार और देश पीछे हटे। इससे पहले यूएन में सुषमा ने पाक पर तीखे बयान दिए।
- एलओसी पर फायरिंग:बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात एलओसी पर सीजफायर वॉयलेशन की खबरें आईं। सुबह पाक मीडिया के हवाले से खबर आई कि भारत की जवाबी फायरिंग में पाक के दो सैनिक शहीद हो गए।
- अमेरिका हुआ एक्टिव: गुरुवार सुबह अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर सुजैन राइस ने हमारे एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बात की।
- हाईलेवल मीटिंग:मोदी ने गुरुवार सुबह कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी की अहम मीटिंग बुलाई। इसमें राजनाथ, सुषमा, जेटली, पर्रिकर, डोभाल, आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग, फॉरेन सेक्रेटरी एस जयशंकर और डीजीएमओ रणवीर सिंह शामिल हुए।
- अहम बैठक टली:कोई बड़ा एलान होना था, इसलिए पाक को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने से जुड़ी एक अहम बैठक टाल दी गई।
- और फिर हुआ खुलासा:तभी खबर आई फॉरेन मिनिस्ट्री और डिफेंस मिनिस्ट्री की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीएमओ सामने आए और सर्जिकल स्ट्राइक का खुलासा किया।
कितनी अहमियत रखता है यह खुलासा?
- पहली बार एलओसी पार की: भारत-पाक के बीच 1949 में कराची एग्रीमेंट के बाद सीजफायर लागू हुआ था। तब से 775 किमी की रेखा सीजफायर लाइन कहलाने लगी। 1971 में इसे एलओसी नाम दिया गया। तब से अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि हमारी आर्मी ने एलओसी पार की है।
- पहली बार खुलकर एलान:यह भी पहली बार हुआ है कि पाक के मामले में भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की बात पहली बार खुलकर कबूल की है। पिछले साल म्यांमार में जब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था, तब भी भारत ने खुलकर इस बारे में कुछ नहीं कहा था।
- पहली बार पूर्व पीएम को भी बताया:मोदी सरकार और आर्मी ने इसे कितने बड़े पैमाने पर कबूल किया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट के अलावा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, जम्मू-कश्मीर के गवर्नर और सीएम को भी जानकारी दी गई।
- मोदी ने बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग: इस खुलासे के बाद मोदी ने शाम को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई। कांग्रेस से लेकर सभी दलों ने सरकार और आर्मी के इस कदम की तारीफ की है।
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साभार: भास्कर समाचार
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