देश की एविएशन इंडस्ट्री में पिछले वर्ष के मुकाबले तेजी आने से नौकरियों के नए अवसर पैदा हुए हैं। कई कंपनियां अगले एक साल में नए कर्मचारियों को रिक्रूट करने की योजना बनाई है। इनमें इंडिगो, जेट एयरवेज, एयर इंडिया और स्पाइस जेट जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। इंडस्ट्री में एयरक्राफ्ट ऑपरेशन, एयर ट्रैफिक
मैनेजमेंट, फ्लाइंग ऑपरेशन और टेक्निकल ऑपरेशन में कॅरिअर बना सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
2020 तक तीसरा सबसे बड़ा एविशन मार्केट होगा भारत: भारत फिलहाल दुनिया का नौवां सबसे बड़ा सिविल एविएशन मार्केट है और इसका मार्केट साइज 16 अरब डॉलर का है। रिपोर्ट के अनुसार देश का एविएशन मार्केट 2020 तक दुनिया का तीसरा और 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन मार्केट होगा। देश की एविएशन इंडस्ट्री में लो कॉस्ट कैरियर, घरेलू एयरलाइन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे कारकों से विकास की संभावनाएं बढ़ी हैं। पिछले वर्ष देश का डोमेस्टिक एयर पैसेंजर ट्रैफिक करीब 70 लाख था, जो मई 2016 में 8.67 फीसदी बढ़कर करीब 86 लाख हो गया। वहीं 2014-15 में कुल पैसेंजर ट्रैफिक करीब 7 करोड़ था, जो 2015-16 में 21.3 फीसदी बढ़कर लगभग 8.5 करोड़ हो गया। मार्च, 2016 में देश के सभी एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट मूवमेंट 1 लाख 60 हजार 830 रेकॉर्ड किया गया, जो 2015 की अपेक्षा 14.9 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान देश में डोमेस्टिक एयरक्राफ्ट मूवमेंट में 16 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। सेंटर फॉर एशिया पेसिफिक एविएशन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 तक डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक 10 करोड़ पैसेंजर का हो जाएगा।
टेक्निकल और नॉन टेक्निकल स्ट्रीम में नौकरियों के अवसर: इस क्षेत्र में युवाओं के लिए टेक्निकल और नॉन टेक्निकल, दोनों स्ट्रीम में नौकरी के अवसर हैं। टेक्निकल स्ट्रीम में प्रवेश के लिए फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री के साथ 12वीं जरूरी है। छात्र एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग में कॅरिअर के लिए संबंधित स्ट्रीम के बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा एविएशन सेफ्टी ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर कोर्स, फ्लाइट अटेंडेंट कोर्स, कमर्शियल पायलट या एयर ट्रैफिक कंट्रोलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा एयर हॉस्टेस, कस्टमर केयर, टिकटिंग से लेकर कमर्शियल पायलट, ऑपरेशन एग्जीक्यूटिव, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और केबिन क्रू में कॅरिअर बना सकते हैं। हालांकि, पायलट और एयर होस्टेस जैसे पदों के लिए प्रतियोगिता बेहद कड़ी होती है और हर पद के लिए औसतन 50 से ज्यादा आवेदक होते हैं।
कमाई में भी बेहतर: इस इंडस्ट्री में कमाई भी अन्य सेक्टर के मुकाबले बेहतर होती है। टेक्निकल डिपार्टमंेट और कमर्शियल पायलट के लिए शुरुआती पैकेज 40 हजार से 80 हजार रु. प्रति माह तक हो सकता है। इसके अलावा अन्य पदों के लिए सैलरी 20 से 25 हजार रु. प्रति माह तक हो सकती है।
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साभार: भास्कर समाचार
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