Monday, September 12, 2016

डोनेट योर यूनिफार्म: छोटी हो चुकी यूनिफार्म दान करवा कर 250 बेटियों की पढ़ाई छूटने से बचाई

डॉ.नगेंद्र कौर श्रीगंगानगर के ग्रामीण इलाके सादुलशहर में एक सरकारी महिला स्कूल की प्रिंसिपल हैं। वे अबतक 250 से ज्यादा बच्चियों की पढ़ाई छूटने से रोक चुकी हैं। ये वे बच्चियां हैं जो पढ़ाई तो करना चाहती थीं लेकिन यूनिफॉर्म होने की वजह से पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर थीं। डाॅ. कौर बताती हैं कि जब वे राजकीय गर्ल्स
सीनियर सेकंडरी स्कूल में लेक्चरर थीं। अपने कमरे में कॉपियां चेक कर रही थीं। तभी दो छात्राएं रीना शबनम कमरे में आकर उनसे स्कूल छोड़ने की बात कहती हैं। वजह पूछी। पता चला कि उनके पास यूनिफाॅर्म नहीं है। और बिना यूनिफाॅर्म स्कूल आने पर उन्हें डांट पड़ती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। घर में सदस्यों की संख्या ज्यादा है इसलिए यूनिफाॅर्म खरीदकर स्कूल भेजना उनके परिवार की प्राथमिकता नहीं है। सोचा कि इनको यूनिफाॅर्म सिलवाकर दे दूं।  
फिर ख्याल आया कि इनके जैसी और छात्राएं होंगी। सबको यूनिफाॅर्म तो सिलवाकर नहीं दे सकते। तभी 'डोनेट योर यूनिफॉर्म' का आइडिया आया। उन्होंने अगले ही दिन स्कूल जाकर छात्राओं से कहा कि वे अपनी छोटी हो चुकी यूनिफॉर्म स्कूल में दान करें ताकि ये उन बच्चियों के काम सकें, जो पढ़ना तो चाहती हैं लेकिन यूनिफॉर्म खरीद पाने की वजह से स्कूल नहीं सकतीं। अगले ही दिन काफी बच्चियां यूनिफार्म स्कूल में जमा करवा गईं। उनके इस प्रयास से पिछले आठ साल में 250 से ज्यादा बच्चियों की पढ़ाई छूटने से बच गई। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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