अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपका घर का सपना जल्द ही पूरा हो सकता है। अब आपके पीएफ में जमा पैसा घर का कर्ज चुकाने के काम आएगा। यानी सस्ते मकान खरीदने और उसकी ईएमआई चुकाने के लिए ईपीएफओ अकाउंट का इस्तेमाल होगा। इसका फायदा चार करोड़ से भी ज्यादा अंशधारकों को होगा। कर्मचारी
भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जल्द ही ऐसी स्कीम लाने वाला है। इसके तहत, ईपीएफओ सदस्य सस्ते मकान खरीदने के लिए अपने पीएफ फंड को गिरवी रख सकता है। मकान की मासिक किस्त चुकाने में भी पीएफ खाते का इस्तेमाल कर सकेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल के मुताबिक ईपीएफओ अपने अकाउंट होल्डर्स के लिए आवास योजना तैयार कर रहा है। इसके तहत लोगों को घर खरीदने के लिए अपना पीएफ अकाउंट गिरवी रखने की अनुमति मिलेगी। इतना ही नहीं, लोग ईएमआई के जरिए इस घर के लिए कर्ज भी चुका सकेंगे। उन्होंने बताया, 'इस संबंध में अगले महीने ईपीएफओ के न्यासियों की बैठक में मंजूरी के लिए इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। श्रम मंत्री की अध्यक्षता में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक अगले महीने होने की उम्मीद है। स्कीम के मुख्य बिंदु क्या होंगे यह उसी बैठक में तय किया जाना है। मसलन अंशधारक कितना लोन लेने के पात्र होंगे और सस्ते मकान में कौन-से घर आएंगे। सीबीटी की अनुमति मिलने पर यह स्कीम अंशधारकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।'
सरकार पीएफ अंशधारकों पर घर खरीदने का दबाव बनाना नहीं चाहती। श्रम सचिव कहते हैं, 'हम जमीन नहीं खरीदेंगे, ही मकान बनाएंगे। वे खुद मकान खरीद सकेंगे।' पिछले साल मकान मुहैया कराने का प्रस्ताव सीबीटी की बैठक में रखा गया था। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने भी योजना की पुष्टि की।
- सदस्य, बैंक-आवास एजेंसी और ईपीएफओ के साथ किया जाएगा त्रिपक्षीय समझौता।
- इसके तहत ईएमआई भुगतान के तौर पर भावी भविष्य निधि योगदान को गिरवी रखा जाएगा।
बाजार में निवेश पर सवाल: सरकार ने ईपीएफ की कुल राशि का 5 फीसदी हिस्सा बाजार में निवेश किया है। निवेश की गई 7468 करोड़ की राशि का बाजार मूल्य 8024 करोड़ रु. हो चुका है। सरकार निवेश 5 से बढ़ाकर 15% करना चाहती है। ट्रेड यूनियनों के साथ ही विपक्ष इस कदम का विरोध कर रहा है।
रियलिटी सेक्टर में बूम: योजना लागू हुई तो ईपीएफओ में जमा 8.5 लाख करोड़ से ज्यादा की पीएफ राशि का बड़ा हिस्सा रियलिटी सेक्टर में लग सकता है। इससे सेक्टर में बूम की संभावना है। एक ओर जहां इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में विस्तार होगा वहीं बड़े पैमाने पर नए रोजगार के मौके भी खुलेंगे।
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साभार: भास्कर समाचार
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