हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विदेश दौरे तक पंचायत चुनाव टल सकते
हैं। जिलों में उपायुक्तों की तैयारियां भी पूरी नहीं हैं। कहीं
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें खराब हैं तो कहीं कम हैं। गुड़गांव और अंबाला
जिलों की मतदाता सूचियां 19 अगस्त को तैयार होंगी। इन्हें ही आधार बनाकर
पंचायत चुनाव को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल
15 अगस्त को अमेरिका और कनाडा के पांच शहरों की यात्र पर जा
रहे हैं और 25
अगस्त को लौटेंगे। अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर चुनाव कराने का
प्रावधान है। मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दस दिन तक विदेश में रहेंगे।
लिहाजा इतने लंबे गैप को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए 25 अगस्त के
बाद ही चुनाव आयोग पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर सकता है। इसकी एक
वजह यह भी है कि विदेश से लौटने के बाद प्रचार में उपलब्धियां गिनाने के
लिए पार्टी और सरकार के पास बहुत कुछ होगा। उधर, कानून अधिकारियों (एलओ) ने
जिला परिषद सदस्य, सरपंच और ब्लाक समिति सदस्य के चुनाव में न्यूनतम
शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने के प्रस्ताव में पेंच फंसा दिया है। राज्य
सरकार इन पदों पर चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं और महिलाओं
के लिए आठवीं करना चाहती थी, लेकिन कानून अधिकारियों ने राय दी है कि
विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और विधान परिषद समेत विभिन्न चुनाव के लिए ऐसी
कोई योग्यता तय नहीं है। इसलिए राज्य सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती
दी जा सकती है और पंचायत चुनाव लटक सकते हैं। ऐसे में यदि राज्य सरकार यह
प्रस्ताव लाना ही चाहती है तो इसे कैबिनेट में पास कराना जरूरी है। प्रदेश
सरकार ने कानून अधिकारियों की राय को मानते हुए फिलहाल पंचायत चुनाव में
शैक्षणिक योग्यता रखने का प्रस्ताव वापस ले लिया है। राज्य सरकार की ओर से
राज्य चुनाव आयुक्त को 30 सितंबर से पहले चुनाव कराने की अधिसूचना भेजी जा
चुकी है। पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर सभी जिला उपायुक्तों व अतिरिक्त
उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। आयुक्त ने मतदाता सूतियों के
अंतिम प्रकाशन, मतदाता सूची की सीडी या हार्ड कॉपी राजनीतिक दलों के
प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने, ईवीएम मशीनों की चैकिंग करने और जिन जिलों
में ईवीएम कम हैं, उनके प्रस्ताव मुख्यालय भेजने के बारे में फीडबैक लिया।
बैलेट बॉक्स की कलेक्शन व चैकिंग, पब्लिकेशन आफ पालिंग स्टेशन, चुनाव
सामग्री की खरीद, मतदाता सूचियों को वेबसाइट पर डालने, रिटर्निग आफिसर व
सहायक रिटर्निग आफिसरों की नियुक्ति के साथ-साथ बैलेट पेपर की प्रिंटिंग पर
भी चर्चा की गई। राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे
महत्वपूर्ण हिस्सा है। पंचायती राज चुनाव में जिन अधिकारियों की ड्यूटी
लगाई जाए, वह अपने कार्य को पूरी ईमानदारी व निष्पक्ष होकर करें।
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साभार: जागरण
समाचार
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