हरियाणा में परीक्षा परिणाम घोषित करने के लिए लंबे समय से आंदोलन कर रही
एएनएम और जीएनएम के लिए अच्छी खबर है। सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच
कमेटी ने परीक्षा को क्लीन चिट दे दी है। जांच कमेटी ने पाया कि एएनएम और
जीएनएम की परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है। अब सरकार को रिजल्ट घोषित
करने पर फैसला लेना है। एएनएम (सहायक नर्सिग मिडवाइफरी) और जीएनएम (जनरल
नर्सिग
मिडवाइफरी) की पूर्व में परीक्षा की वैधता की जांच के लिए रोहतक
स्थित महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के उप कुलपति सुधीर राजपाल के नेतृत्व में
यह कमेटी बनाई गई थी। कमेटी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के
निदेशक एस नारायणन और स्वास्थ्य विश्वविद्यालय रोहतक के परीक्षा नियंत्रक
डा. संजय कुमार को भी शामिल किया गया था। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के
निर्देश पर बनी इस जांच कमेटी ने बृहस्पतिवार को चिकित्सा शिक्षा एवं
अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. केके खंडेलवाल को अपनी रिपोर्ट
सौंप दी है। खंडेलवाल ने विज को यह रिपोर्ट सौंपी। कमेटी ने एएनएम-जीएनएम
की परीक्षाओं में धांधली की शिकायतों को पूरी तरह से खारिज किया है। इस
परीक्षा में सिर्फ 30 प्रतिशत छात्रएं पास हुई थी। धांधली व नकल के आरोपों
की असलियत जानने के लिए जांच कमेटी ने परीक्षा के समय के अखबारों का भी
अवलोकन किया। कमेटी को किसी ने परीक्षाओं में धांधली या नकल होने की भी
शिकायत नहीं की, जिसके आधार पर कमेटी ने माना कि परीक्षाएं ठीक हुई हैं।
पास प्रतिशत भी कम है, जिससे धांधली या नकल का सवाल ही पैदा नहीं
होता। रिजल्ट तो घोषित हो जाएगा पर सीटों पर फंसेगा पेंच: राज्य के नर्सिग
कालेजों में 1800 सीटें स्वीकृत हैं लेकिन परीक्षाएं साढ़े आठ हजार छात्रओं
से ज्यादा ने दी है। कमेटी ने इस बिंदु को जांच से पूरी तरह से अलग बताते
हुए छेड़ा नहीं है। लिहाजा राज्य सरकार को तय करना है कि रिजल्ट कब और कैसे
घोषित किया जाएगा। इसके लिए कानूनी राय ली जा सकती है।
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साभार: जागरण
समाचार
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