भ्रामक विज्ञापनों के जरिए उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाली
कंपनियों की शिकायत करना अब आसान हो गया है। केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों के
विभाग ने एक वेबसाइट की शुरूआत की है, जिस पर ऐसे विज्ञापनों की शिकायत की
जा सकती है। इसमें एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल आफ इंडिया (ASCI) को
भी भागीदार बनाया गया है। उपभोक्ता
मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कुछ समय पररव ही Grievance Against Misleading Advertisement (gama.gov.in) पोर्टल की शुरूआत की। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com इस पर यूं तो किसी भी
क्षेत्र से जुड़े भ्रामक
विज्ञापनों की शिकायत की जा सकती है, लेकिन
प्राथमिकता में छह क्षेत्र रखा गया है, जिनमें कृषि एवं खाद्य, स्वास्थ्य,
शिक्षा, आवास, वित्तीय सेवाएं और ई कामर्स शामिल हैं। इस
पोर्टल में किसी भी माध्यम से प्रसारित-प्रचारित भ्रामक विज्ञापनों की
शिकायत की जा सकती है चाहे वह प्रिंट माध्यम में हो, पैकेजिंग में हो,
इंटरनेट पर हो या आउटडोर मीडिया, वाल पेंटिंग, पोस्टर या बिल बोर्ड के
माध्यम से हो। गामा डॉट गॉव इन पर तीन
स्तरों में भ्रामक विज्ञापनों का निस्तारण होगा। सबसे पहले तो इसे एएससीआई
के पास भेजा जाएगा, जहां नियमानुसार छानबीन की जाएगी और उसका निदान सुझाया
जाएगा। इस पर यदि विज्ञापन जारी करने वाले ने कदम नहीं उठाया तो उसे
उपभोक्ता मामले के संयुक्त सचिव के पास भेज दिया जाएगा। यह
दूसरा स्तर हुआ। यहां भी यदि मामला नहीं सुलटा तो फिर तीसरे स्तर में
मामला उस क्षेत्र के नियामक के पास भेज दिया जाएगा। एएससीआई विज्ञापन जगत
का एक स्वयंसेवी संगठन है, जो इस क्षेत्र में 1985 से काम कर रहा है।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
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