रविवार का दिन प्रदेशभर से करनाल पहुंचे गुरुजी
के प्रदर्शनों के नाम रहा। पहले कॉलेज एक्सटेंशन लेक्चररों ने प्रदर्शन
किया तो इसके बाद करीब 5 हजार पात्र जीबीटी अध्यापकों ने। इन अध्यापकों के
साथ-साथ दिनभर पुलिस की भी कड़ी परीक्षा हुई और पुलिस इनसे जूझती रही।
दोपहर करीब सवा एक बजे हरियाणा सरकारी कॉलेज एक्सटेंशन लेक्चरर संघ के
सदस्य विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र सिंह के आवास
पर पहुंचे। जहां पर वे नहीं मिले। इसके बाद रोड जाम करने
की योजना बनाकर ये
लेक्चरर जीटी रोड की ओर रवाना हुए, लेकिन पुलिस बल होने के कारण रोड जाम
नहीं कर पाए। यहां से होते हुए करीब 200 लेक्चरर मुख्यमंत्री के कैंप
कार्यालय पहुंचे और बीच रास्ते में बैठ गए। पुलिस ने मनाने व समझाने का
प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद इन सभी लेक्चररों ने पुलिस को
गिरफ्तारियां दीं। चार बसों में भरकर महिला पुलिस बल सहित इन महिला व पुरुष
लेक्चरर को पुलिस ले गई। दरअसल प्रदेशभर
में विभिन्न सरकारी कॉलेजों में एक्सटेंशन पर करीब 2500 लेक्चरर सेवाएं दे
रहे हैं। सभी लेक्चरर सहायक प्रोफेसर की योग्यता रखते हैं। संघ के प्रधान
डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि इतने सब के बावजूद उन्हें हर साल साक्षात्कार
की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसके बाद 6 महीने ही उन्हें कॉलेज में
पढ़ाने के लिए बुलाया जाता है। उन्हें केवल 250 रुपये ही प्रति लेक्चर दिए
जाते हैं।
जेबीटी में भी निकाली भड़ास: नव चयनित 9870 जेबीटी पात्र अध्यापकों को
नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर रविवार को करीब पांच हजार शिक्षकों ने
सीएम सिटी करनाल में डेरा डाल दिया और मांग पूरी नहीं किए जाने पर 10
अप्रैल तक यहीं डटे रहने का ऐलान किया। देर देर शाम पंचकूला में शिक्षक संघ
के पांच प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अतिरिक्त प्रमुख सचिव
डॉ.राकेश गुप्ता और शिक्षा विभाग के महानिदेशक टीसी गुप्ता के साथ करीब एक
घंटे बातचीत चली। देर रात मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि 26 अप्रेल को
हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद एक मई से ज्वाइनिंग की प्रक्रिया शुरू कर
देंगे। इस आश्वासन के बावजूद यहां शिक्षक रात भर धरने पर डटे रहे। उनका
कहना था कि सोमवार को बैठक के बाद धरने को स्थगित करने का निर्णय किया
जाएगा। महिला शिक्षक अपने बच्चों व परिजनोें के साथ महापंचायत में पहुंची।
रोष मार्च निकालने के दौरान हजारों की भीड़ जब नारेबाजी करते हुए सड़कों पर
उतरीं तो नेशनल हाइवे नंबर-1 पर जाम की स्थिति बन गई। बरसात के दौरान भी
शिक्षक डटे रहे और सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। खाप पंचायतों, एसएफआई के
प्रदेशाध्यक्ष शहनवाज, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव दीपक
गोस्वामी, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से वजीर सिंह, अखिल भारतीय किसान
सभा से शेर सिंह, भारतीय किसान यूनियन से सत्यवान, मनरेगा मजदूर यूनियन ने
पात्र अध्यापकों के आंदोलन का समर्थन किया है।
या तो सरकार को लगाएंगे फंदा या हम लगा लेंगे: न्याय
महापंचायत के दौरान प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए पात्र अध्यापक संघ के
प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने एक फंदा दिखाते हुए कहा कि या तो उन्हें
सरकार ज्वॉइनिंग दे दे या फिर वे सरकार को फंदे पर लटका देंगे या खुद लटक
जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि 10 अप्रैल तक उनकी सुनवाई नहीं हुई तो 11
अप्रैल को पंचकूला की ओर कूच करेंगे। यहां भी सुनवाई नहीं हुई तो 15 अप्रैल
से बेमियादी अनशन शुरू होगा। फिर भी बात नहीं बनी तो पात्र अध्यापक मुंडन
कराएंगे और आखिर में फंदे लगाए जाएंगे।
गेस्ट टीचर्स के खिलाफ भी गरजे: न्याय
महापंचायत के दौरान जेबीटी पात्र अध्यापकों ने गेस्ट टीचर्स को विपक्षी
मित्र की संज्ञा दे दी। इन अध्यापकों पर कटाक्ष करते हुए जेबीटी पात्र
अध्यापक संघ के प्रदेश प्रवक्ता जसबीर ने कहा कि अतिथि अध्यापक तो हमारे
विपक्षी मित्र हैं, लेकिन अब या तो उन्हें हटना होगा या हमें। हमने हर
योग्यता व निर्धारित शर्तें पूरी की हैं इसलिए रास्ते से तो उन्हें ही हटना
होगा। जसबीर ने अतिथि अध्यापकों व खुद की तुलना करते कहा कि दोनों में से
एक को नुकसान होना तय है। शिक्षक संघ के
प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है
कि एक मई से ज्वाइनिंग की प्रकि्रया शुरू कर देंगे और एक जुलाई से नियुक्ति
दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन से सोमवार को सभी शिक्षकों को
अवगत करवाया जाएगा और इसके बाद धरना समाप्त िकया जाएगा।
साभार: अमर उजाला समाचार