हरियाणा में अतिथि अध्यापकों के बाद अब पात्र अध्यापकों की गर्जना से सीएम सिटी गूंज
उठी। जोरदार प्रदर्शन के बाद वे सीएम कैंप आफिस पर धरने पर बैठ गए। बाद में
उन्होंने सेक्टर 32 के मैदान में डेरा डाल दिया। इस बीच, मुख्यमंत्री ने
बातचीत के लिए उन्हें चंडीगढ़ बुलाया है। पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले
महा
न्याय पंचायत में पात्र अध्यापकों के तल्ख तेवरों को देखते हुए
मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र सिंह संघ के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को
लेकर सीएम से मुलाकात कराने के लिए चंडीगढ़ रवाना हो गए। संघ ने कहा कि यदि
सीएम से प्रतिनिधिमंडल की सफल बातचीत नहीं होती है तो धरना जारी रहेगा।
इससे पूर्व सेक्टर 32 में पात्र अध्यापकों की महा न्याय पंचायत हुई। इसमें
प्रदेश के नौ हजार 870 नव चयनित जेबीटी शिक्षकों ने भाग लिया। महापंचायत
में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पात्र अध्यापक मार्च करते हुए माल रोड
स्थित सीएम कैंप आफिस की तरफ बढ़े। प्रदर्शनकारियों के हुजूम के साथ-साथ
पुलिस बल भी रहा। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सीएम कैंप आफिस के
बाहर धरना देते हुए जाम लगा दिया। उनके पहुंचने के बाद अधिकारियों ने
प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया। ओएसडी अमरेंद्र सिंह, उपायुक्त जे
गणोशन, एसपी अभिषेक गर्ग, एडीसी गिरीश अरोड़ा व एसडीएम राजीव मेहता ने
प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। लंबी बातचीत के दौरान ओएसडी अमरेंद्र सिंह ने
पूरे मामले की जानकारी सीएम मनोहर लाल खट्टर तक पहुंचाई। इसके बाद सीएम ने
प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात के लिए रात नौ बजे चंडीगढ़ बुलाया। ओएसडी
अमरेंद्र सिंह के साथ प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ रवाना हुआ तो सीएम कैंप आफिस
के बाहर प्रदर्शनकारी हटे और वह सेक्टर 32 में जाकर धरने पर बैठ गए। संघ के
प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र श्र्मा ने कहा कि पहले कांग्रेस सरकार और अब
भाजपा सरकार ने 9870 जेबीटी अध्यापकों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट
के आदेश का पालन नहीं किया है। करनाल में पात्र अध्यापक जब प्रदर्शन कर
रहे थे तो उनके आगे-आगे बच्चों ने भी अपने परिजनों के हक में आवाज उठाई।
साभार: जागरण समाचार