Tuesday, March 31, 2015

श्रीमदभगवद्गीता अभी नहीं होगी पाठ्यक्रम में शामिल

हरियाणा के भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार स्कूली बच्चों को ‘गीता’ का पाठ पढ़ाना नए सत्र में सिरे नहीं चढ़ पाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल से लेकर शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा तक सभी नए सत्र में ‘गीता’ पढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन हकीकत में इसे शामिल नहीं किया गया है। नई छपी किताबों में यह पाठ्यक्रम का हिस्सा ही नहीं है। इस वजह से छात्रों को ‘गीता’ का पाठ पढ़ने के लिए अब अगले सत्र का इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल, छात्रों को नैतिक शिक्षा देने के लिए हरियाणा के भाजपा सरकार ने इस सत्र से स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा तक ‘गीता’ का पाठ पढ़ाने का निर्णय लिया था। सर्वशिक्षा अभियान के तहत छात्रों को पहली से आठवीं तक मिलने
वाली मुफ्त किताबें छपकर तैयार हो गई हैं। इसे प्रदेश के विभिन्न जिलों में बांटने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। वहीं, छात्रों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने वाला महकमा एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्) द्वारा इसे सिलेबस में अभी तक शामिल नहीं किया गया है। अभी महज शिक्षा निदेशालय की मांग पर प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है, जबकि नए सत्र के लिए सिलेबस छपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। 

शिक्षा निदेशालय नहीं मिले आदेशः मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री मौखिक तौर पर ‘गीता’ को पढ़ाने की घोषणाएं करते रहे, लेकिन लिखित तौर पर किसी तरह का कोई आदेश शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा निदेशालय और शिक्षा निदेशालय द्वारा एससीईआरटी और माध्यमिक शिक्षा विभाग को नहीं दिया गया। सत्र करीब आते देख आनन फानन में 20 फरवरी को एससीईआरटी को पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने को कहा गया। महज दो दिन में एससीईआरटी की ओर से प्रस्ताव तैयार कर शिक्षा निदेशालय भेजा गया। देर से आदेश आने की वजह से सिलेबस भी तैयार नहीं हो पाया। जब तक कक्षा अनुसार ‘गीता’ का पाठ्यक्रम तैयार होता, उससे पहले एक अप्रैल से नया सत्र को ध्यान में रखकर शिक्षा विभाग ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत मुफ्त मिलने वाली किताबों को प्रकाशित कराने का टेंडर दे दिया। अब किताबें छपकर भी आ गईं।
प्रस्ताव तैयार, लेकिन पाठ्यक्रम पूरा नहीं: एससीईआरटी की ओर से ‘गीता’ को पढ़ाने के लिए केवल प्रस्ताव तैयार करके भेजा गया है। पूरा पाठ्यक्रम तैयार नहीं है। पहली से पांचवीं कक्षा तक 5-5 श्लोक और छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए 10-15 श्लोक पढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अधिकतर दो-दो लाइन के श्लोक हैं, ताकि छात्रों को समझने में दिक्कत न हो। एससीईआरटी द्वारा ‘गीता’ पढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कराने वाली कमेटी की प्रमुख संयुक्त निदेशक किरण का कहना है कि श्लोक के नीचे हिंदी में उसका विश्लेषण भी दिया गया है। जल्दी की वजह से अभ्यास प्रश्न नहीं भेजा जा सका। लेकिन अभ्यास प्रश्न तैयार कर लिया गया है। अधिकतर श्लोक ज्ञान और कर्मयोग अध्याय से लिए गए हैं। एमएल कौशिक, निदेशक, स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार गीता का प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा हुआ है। पहली से आठवीं तक की किताबें छप चुकी है। अभी तक सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। अब आगे जो आदेश होगा, उसके अनुरूप काम किया जाएगा।
साभार: अमर उजाला समाचार