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नए वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से बैंक अपने ग्राहकों पर बोझ बढ़ाने जा
रहे हैं। प्राइवेट बैंकों के ग्राहकों को 1 अप्रैल से बैंकिंग सेवाओं के
लिए अब अधिक शुल्क चुकाना होगा। सेविंग अकाउंट में अनिवार्य न्यूनतम
बैलेंस नहीं रखने पर अधिक पेनल्टी देनी होगी। इतना ही नहीं, ग्राहकों को
नई चेक बुक लेने और खाते में नकद जमा जैसी जरूरी सेवाओं पर भी अधिक शुल्क
देना होगा। लेकिन, जरूरी है कि आप पहले ही समझ लें कि आपका बैंक आपसे
कौन-कौन से चार्ज वसूलता है। अकाउंट खुलवाने से लेकर अकाउंट बंद करवाने तक आपकी ही जेब से फीस वसूली
जाती है। आइये जानते हैं कैसे:
- 12 बार ब्रांच जाने पर भी पैसा वसूलते हैं बैंक: अगर आप मानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन और एटीएम इस्तेमाल करने के बजाए बैंक जाकर ट्रांजैक्शन करना आसान है और उसका कोई चार्ज आपसे नहीं वसूला जाता तो ये आपकी गलतफहमी है। अगर आप किसी प्राइवेट बैंक के कस्टमर हैं और एक तिमाही के दौरान अपनी ब्रांच से 12 से ज्यादा बार लेनदेन करते हैं, तो आपके अकाउंट से 50 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन के हिसाब से रकम डेबिट की जाती है। ये चार्ज ज्यादातर प्राइवेट बैंक ही वसूलते हैं। आप इसे भले ही बैंकों की मनमानी कहें, लेकिन बैंक के पास यह चार्ज वसूलने का अपना तर्क है।
- अकाउंट बंद कराने का भी लगता है चार्ज: अगर आपने कई बैंक अकाउंट खुलवा रखे हैं और अब कुछ अकाउंट बंद करना चाहते हैं, तो ध्यान रहे कि इसमें भी पैसे खर्च होते हैं। अगर आपको अकाउंट खुलवाए कम से कम छह माह भी नहीं हुए हैं, तो ज्यादातर बैंक इसे बंद करने के एवज में 50 से 200 रुपए तक वसूलते हैं। अगर आपके अकाउंट से किसी तरह का ट्रांजैक्शन हुए छह महीने से ज्यादा हो गया है, तो इसके लिए भी आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसमें प्राइवेट बैंक के अपने नियम हैं।
- दूसरी ब्रांच में जाने का भी लगता है पैसा: आपका अकाउंट जिस ब्रांच में है, उससे अलग किसी और ब्रांच में जाकर आप ट्रांजैक्शन करते हैं, तो इसके लिए भी पैसे चुकाने होंगे। प्राइवेट बैंक पहली बार में तो ऐसी किसी ट्रांजैक्शन का चार्ज नहीं वसूलता। लेकिन, इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर प्रति हजार रुपए पर पांच रुपए चार्ज किया जाता है।
- मंथली स्टेटमेंट चार्ज: आपकी जेब से चार्ज वसूलने वाली लिस्ट में आपकी बैंक स्टेटमेंट भी है। यदि आप चाहते हैं कि हर महीने आपके घर बैंक स्टेटमेंट भेजा जाए, तो इसके लिए भी बैंक को चार्ज करना पड़ेगा। हर बैंक अपने मुताबिक इसकी कीमत तय करता है। ज्यादातर बैंकों में ये कीमत 200 रुपए तक है। हालांकि, ईमेल से स्टेटमेंट मंगवाने पर कोई चार्ज नहीं लगता। रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक, बैंकों को हर 3 महीने पर ग्राहकों को स्टेटमेंट भेजना होता है, जिसके लिए बैंक कोई फीस नहीं वसूल सकते।
- चेक का स्टेटस जानने का भी लगता है पैसा: अगर आप अपने चेक का स्टेटस जानना चाहते हैं, तो कई निजी बैंक इसके लिए भी आपकी ही जेब से चार्ज वसूलते हैं। इस सर्विस के लिए बैंक 25 रुपए तक वसूलते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो यह फीस रनिंग चेक का स्टेटस जानने पर नहीं चुकानी होती। लेकिन, आप किसी पुराने चेक का स्टेटस पता करते हैं, तब आपको यह फीस देनी होती है।
- एड्रेस कन्फर्मेशन का भी लगता है चार्ज: सरकारी बैंकों से उलट, निजी बैंक किसी तरह का डॉक्युमेंट- बैलेंस सर्टिफिकेट, इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, एड्रेस कन्फर्मेशन, अटेस्टेड सिग्नेचर, अटेस्टेड फोटो आदि के बदले 50 से 200 रुपए तक वसूलते हैं। बैंकों के पास इसका भी तर्क है। बैंक के मुताबिक इन सभी पर लगने वाले चार्जेज सही हैं। यदि ये ही सर्टिफिकेट लेने आप वकील के पास जाएं तो वो भी इसकी फीस वसूलते हैं।
- मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर लगता है चार्ज: बैंक अकाउंट खुलवाते समय आपके सामने मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त रखी जाती है। मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर आपकी जेब पर खासी चपत लगती है। वहीं, अकाउंट में क्वार्टरली मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर भी बैंक अलग से 750 से 1500 रुपए तक वसूलते हैं। इस स्थिति में हर ट्रांजैक्शन पर भी फीस वसूली जाती है।
- दूसरे बैंक के एटीएम से 5 से अधिक ट्रांजैक्शन का लगेगा चार्ज: एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा के साथ ही उपभोक्ता के साथ ये भी समस्या है कि उन्हें हर जगह अपने बैंक का एटीएम नहीं मिलता। ऐसे में दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालना महंगा पड़ सकता है। हालांकि, ये चार्ज पांच से अधिक बार दूसरे एटीएम का इस्तेमाल करने पर ही लगेगा। इसके लिए अलग से 20 रुपए चार्ज किए जाते हैं। हालांकि अब अपने बैंक एटीएम का इस्तेमाल भी पांच से ज्यादा बार करने पर चार्ज लगाने की तैयारी की जा रही है। पहले ये व्यवस्था सिर्फ मेट्रो शहरों में ही होगी। लेकिन, बाद में व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इसे हर शहर में लागू किया जा सकता है।
- एक महीने में दूसरी बार कैश विदड्रॉल पर लगता है चार्ज: नॉन बेस ब्रांच से एक महीने में दूसरी बार कैश विदड्रॉल का भी चार्ज उपभोक्ता को ही चुकाना होगा। इसके लिए चार्ज कितना होगा ये हर बैंक ने अपना तय किया है। हालांकि, प्राइवेट बैंक इसके लिए 150 रुपए तक चार्ज करते हैं।
- एक महीने में दूसरी बार कैश डिपॉजिट करने पर भी है चार्ज: नॉन बेस ब्रांच में एक महीने में दूसरी बार कैश डिपॉजिट करने पर भी बैंक आपकी जेब से फीस वसूलता है। इसके लिए भी अलग-अलग बैंक ने अलग फीस तय की हुई है। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक 150 रुपए तक चार्ज करता है।
- एसएमएस अलर्ट की सुविधा का भी चार्ज: एसएमएस अलर्ट की सुविधा लेने पर भी बैंक चार्ज वसूलता है। इसके लिए क्वारर्टली 15 रुपए तक चार्ज किया जाता है। यानी सालाना आपकी जेब से 60 रुपए वसूले जाते हैं। वहीं, कुछ बैंक इसके लिए 100 रुपए तक भी वसूलते हैं। इनमें सरकारी बैंक भी शामिल हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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