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शहद से सिर्फ सुंदरता में ही चार चांद नहीं लगते, बल्कि इसमें कई
औषधीय गुण भी हैं। इस भाग-दौड़ वाली ज़िंदगी में जहां हर चीज़ याद रखनी
मुश्किल होती जा रही है और वज़न भी कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है, शहद को
अगर खास ढंग से यूज़ किया जाए, तो आप बेहतर जीवन जी सकते हैं। इन उपायों
को करने में ज़्यादा वक्त भी नहीं लगता और इसके अनेक फायदे भी हैं।
आदिवासियों के लिए शहद का महत्व: भारत के जंगलों में रहने
वाले आदिवासियों के जीवन यापन का एक बहुत
बड़ा माध्यम शहद है। पिछले कई वर्षों से आदिवासी जंगल में जाकर शहद इकठ्ठा
करके, उसे बेचते आएं हैं। आदिवासियों के जीवन में शहद ना सिर्फ आय का
ज़रिया है, बल्कि इसे स्वस्थ जीवन के लिए सक्षम भी माना जाता है। अनेक तरह
के शारीरिक विकारों के लिए शहद को अत्यंत उपयोगी माना गया है। चलिए आज
जानते हैं शहद के कुछ रोचक गुणों और इससे जुड़े कुछ पारंपरिक नुस्खों के
बारे में:- याददाश्त बेहतर होती है: आदिवासी बच्चों को सुबह-सुबह रोटी के साथ शहद देते हैं। उनका मानना है कि शहद याददाश्त बेहतर करने के लिए उत्तम है। शहद को छाछ के साथ लेने से भी याददाश्त बेहतर होती है।
- वज़न कम करने में मदद: शहद को पानी में मिलाकर शौच जाने से पहले प्रतिदिन सुबह 3-4 महीनों तक लेने से वजन घटता है। कई इलाकों में जानकार मानते हैं कि दो चम्मच शहद और आधे कटे नींबू के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह लेने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
- दिल, दिमाग और पेट के लिए फायदेमंद: शहद अगर दूध के साथ मिलाकर लिया जाए, तो दिल, दिमाग और पेट के लिए फायदेमंद होता है। गर्मियों में अक्सर नींबू पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से ये शरीर को ऊर्जा और ठंडक प्रदान करती है। आदिवासियों का मानना है कि यदि शहद का सेवन प्रतिदिन किया जाए तो ये शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने में काफी मदद करता है साथ ही शारिरिक ताकत को बनाए रखकर थकान दूर करता है।
- आंखों की सफाई में कारगर: शहद शुद्ध हो और एक एक बूंद दोनो आंखों में डाली जाए, तो आंखों की सफाई के साथ-साथ रोशनी में फायदा होता है। ग्रामीण जनों की मान्यता है कि नेत्र ज्योति के लिए शहद एक बेहतर उपाय है।
- मसूड़ों की सूजन में आराम: जब बच्चों के दांत आते हैं, तो साथ ही मसूड़ों पर सूजन भी आ जाती है। इससे उन्हें काफी दर्द होता है। ऐसी हालत में मसूड़ों पर शहद लगाने से आराम मिलता है।
- सिर दर्द में आराम: आदिवासी शहद के साथ चूना मिलाकर माथे पर लगाते हैं। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है। माना जाता है शहद मस्तिष्क को ठंडा रखता है और सिर दर्द के असर को कम करने में कारगर होता है।
- घावों को भरता है: पातालकोट में आदिवासी कटे अंगों, घावों और शरीर के जल जाने पर शहद को लगाते है और इससे फायदा भी मिलता है। वैसे भी शहद के एंटी-बैक्टीरियल गुणों को आधुनिक विज्ञान भी मानता है।
- ताकत के लिए: ताकत और ऊर्जा के लिए 2 चम्मच शहद के साथ आधा चम्मच अश्वगंधा की जड़ों का चूर्ण मिलाकर प्रतिदिन सुबह लेने से शरीर बलशाली बनता है और बुखार के बाद की कमजोरी भी दूर होती है।
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साभार: भास्कर समाचार
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