शिक्षा विभाग ने नियम तो लागू कर दिया कि सरकारी
स्कूलों में बिना आधार कार्ड दाखिला नहीं किया जाएगा और पहले स्कूलों में
मशीनें भेजकर विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनाए जाएंगे। एक अप्रैल से
दाखिले शुरू होने हैं लेकिन अभी तक स्कूलों में आधार कार्ड बनाने के लिए
मशीनें ही नहीं पहुंची है। जिससे अभिभावकों और विद्यार्थियों की चिंता बढ़
गई है और वह परेशानी में हैं, कि किया जाए तो क्या इधर लघु सचिवालय के
ई-दिशा केन्द्र में 6 महीने की वेटिंग चल रही है। दो
सप्ताह पहले शिक्षा विभाग ने प्लानिंग तैयार की थी कि स्कूलों में
अध्यापकों से सर्वे करवाया जाएगा और उसमें देखा जाएगा कि कौन से स्कूल में
विद्यार्थी ज्यादा है जहां पर आधार कार्ड नहीं बने हुए हैं
और उसी स्थान पर
मशीनें लगाकर साथ लगते स्कूलों को बुलवाकर आधार कार्ड बनवाए जाएंगे लेकिन
परीक्षा के बाद छुट्टियां भी खत्म हो गई और एक अप्रैल से दाखिले शुरू होने
हैं लेकिन स्कूलों में अभी आधार कार्ड बनाने की कोई योजना नहीं बनी है और न
ही मशीनें पहुंची है।
आधार कार्ड को बाद में लिंक किया जाएगा: फतेहाबाद के जिला
मौलिक शिक्षा अधिकारी यज्ञदत्त वर्मा ने बताया कि डीआईओ कार्यलय से मशीनें
मांगी गई थी जो आ गई हैं लेकिन अभी तक काम चालू नहीं हुआ है। दाखिले में
किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी और आधार कार्ड को दाखिले के बाद
फीड कर दिया जाएगा।
18 मशीनें आईं, लगी एक भी नहीं: नए
सत्र से इस बार सभी सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन दाखिले शुरू किए जा रहे हैं
और उनके साथ आधार कार्ड को भी लिंक किया जाना है ताकि विद्यार्थियों दिए
जाने वाले लाभ को उनके खाते में सही ढंग से डाला जा सके और फर्जीवाड़ा न
हो। लेकिन समस्या यह है कि 80 प्रतिशत विद्यार्थियों के आधार कार्ड ही नहीं
बने हैं और न ही बनाने के लिए कोई योजना बनाई गई है। जबकि इससे पहले जिला
शिक्षा कार्यालय का कहना था कि प्रशासन की तरफ से 18 मशीनें आ चुकी हैं
लेकिन यह मशीनें अभी तक स्कूलों में क्यों नहीं लगीं इस बारे में शिक्षा
विभाग ही बता सकता है। आधार कार्ड न होने से विद्यार्थियों के अभिभावक भी
परेशान है कि बिना आधार कार्ड स्कूल में कैसे दाखिला होगा।
साभार: अमर उजाला समाचार