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नियमितीकरण की मांग को लेकर सोमवार को शहीदी दिवस
पर प्रदेशभर के हजारों अतिथि अध्यापकों ने करनाल पहुंचकर गर्जना की। दिनभर
चली वार्ता और रैली के बाद गेस्ट टीचरों ने मंगलवार को स्कूलों का
बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। साथ ही ऐलान किया कि यदि उन्हें नियमित नहीं
किया गया तो वह अब अनिश्चितकालीन समय के लिए स्कूलों का
बहिष्कार कर
देंगे। इस दौरान प्रदेशभर के अतिथि अध्यापकों ने वादा पूरा नहीं होने तक
कर्णनगरी में ही डटे रहने का ऐलान भी कर दिया। बच्चों सहित पहुुंची महिलाएं
भी इस दौरान पांडाल में ही डटी रहेंगी। मौके पर भाजपा सरकार सहित विपक्ष
पर भी इस मामले को लेकर उनकी आवाज नहीं उठाने को लेकर निशाना साधा गया। इस
दौरान वर्ष 2012 में मारी गई गेस्ट अध्यापक राजरानी को सहित शहीदों को
गेस्ट टीचर्स ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्व
कर्मचारी संघ व महासंघ के सभी संगठनोें ने गेस्ट टीचरों को समर्थन दिया और
सभी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने एक भी गेस्ट टीचर को हटाया और घोषणा
पत्र में किए गए वादे पूरे नहीं किए गए तो प्रदेश में बिजली, पानी, चक्का
जामकर सभी स्कूलों को ताला लगा दिया जाएगा। गेस्ट टीचर्स ने विभाग व सरकार
पर षड्यंत्र के तहत कोर्ट में झूठे आंकड़े पेश कर कोर्ट को भी गुमराह करने
का आरोप लगाया। प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि दिल्ली के जंतर
मंत्र पर 19 फरवरी को लिखित में रामबिलास शर्मा ने गेस्ट टीचरों को पक्का
करने का आश्वासन देते हुए घोषणा पत्र में बीजेपी सरकार बनते ही सभी 15 हजार
गेस्ट टीचरों को एक कलम से नियमित करने का वादा किया था। साथ ही पिछले 9
सालों का एरियर भी देने की बात कही थी।
संघर्ष से नहीं हटेंगे पीछे: प्रदेशाध्यक्ष
ने कहा कि रोजगार बचाने के लिए अगर बहन राजरानी की तरह गेस्ट टीचरों को
खून की होली भी खेलनी पड़ी तो गेस्ट टीचर किसी भी सूरत में पीछे नहीं
हटेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी बहन के सपने और प्रदेशभर के करीब 16 हजार
गेस्ट टीचर्स के परिवार को भूखा नहीं मरने दिया जाएगा, इसके लिए बेशक
उन्हें अपनी प्राण ही क्यों न देने पड़े। संघ के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान
ने जिस प्रकार शहीदों ने कुर्बानी देकर देश को बचाया था उसी प्रकार बहन
राजरानी की तरह उन्हें अगर और भी कुर्बानी देनी पड़ी तो वो पीछे नहीं
हटेंगे।
शिक्षा मंत्री से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल: डीसी
और एसपी ने गेस्ट टीचर्स को धरना खत्म करने के लिए 5 सदस्यीय
प्रतिनिधिमंडल को मंगलवार को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में शिक्षा मंत्री से
मिलाने का आश्वासन भी दिया। गेस्ट टीचरों ने वार्ता सफल होने तक बच्चों
सहित पंडाल में ही डटे रहने का निर्णय लिया है। प्रदेशप्रवक्ता राजेश शर्मा
ने बताया कि इन पांच सदस्यों में प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री व
प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप झरौली के नाम तय कर लिए गए हैं, शेष के नाम जल्द
ही बता दिए जाएंगे।
- गेस्ट टीचरों ने एक दिन के लिए कक्षाओं का किया बहिष्कार
- सर्वकर्मचारी संघ व महासंघ ने दिया गेस्ट अध्यापकों का साथ
- यूनियनों ने बिजली, रोडवेज व स्कूलों को बंद करने की दी चेतावनी
- खाप पंचायतों का समर्थन, महिलाएं भी बच्चों समेत पहुंचीं धरने पर
कर्मचारी संगठनों ने दी चेतावनी: हरियाणा
विद्यालय संघ 93 संबंधित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य संगठन सचिव मास्टर
बलबीर सिंह, राज्य उपप्रधान महिपाल चमरोड़ी, उपप्रधान धर्मेन्द्र ढांडा,
राज्य सचिव जगतार सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान ओम प्रकाश सिंहमार,
विरेंद्र धनखड़, जिला प्रधान अनिल कुमार, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70
संबंध हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सरीन, मुख्य संगठन
सचिव कुलभूषण शर्मा, कोषाध्यक्ष दिलबाग अहलावत, बिजली निगम यूनियन के सचिव
कृष्ण मलिक, मास्टर फूल कुमार पेटवाड़, रणधीर मोर, शशि भूषण, अजय लोहान,
सुभाष रावीश, सुखबिंदर बट्टन, कृष्ण धारशूल, अशोक शर्मा, पुष्पा, निष्ठा,
सुनीता, कविता, गीतांजलि ने गुबार निकाला।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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