देशभर के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबंधित स्कूलों को अब सीबीएसई
इस नए सत्र से ग्रेडिंग देगी। बोर्ड ने स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन एवं
प्रत्यायन (SQAAS) के नाम से नई योजना शुरू की है। इसको लेकर बोर्ड
ने स्कूलों को एक सरकुलर जारी किया है। सरकुलर के अनुसार यदि
स्कूलों को ग्रेडिंग में 50 अंक से कम मिले
तो सीबीएसई ऐसे स्कूलों की मान्यता रद करेगी। इससे पूर्व बोर्ड की विशेष
टीम देशभर के स्कूलों में दस्तक देगी और विद्यार्थियों को दी जाने वाली
शिक्षा एवं व्यवस्थाओं
को देखेगी। इस आधार पर स्कूलों की एक रिपोर्ट तैयार होगी। बोर्ड की इस पहल
से कहीं न कहीं शिक्षा की गुणवत्ता
में सुधार होगा। साथ ही स्कूलों के
बुनियादी ढांचे में भी वृद्धि होगी। पत्र के मिलते ही स्कूलों ने इस ओर
अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। उक्त योजना के जरिये स्कूल बोर्ड द्वारा
समय-समय पर जारी किए जाने वाले कार्यक्रमों को भी नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे।
वेबसाइट पर स्कूलों को कराना होगा पंजीकरण: टीम द्वारा स्कूलों में
किए जाने वाले दौरे से पहले स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर ग्रेडिंग
के लिए पंजीकरण करवाना होगा। इसमें स्कूलों को विद्यार्थियों की संख्या,
शिक्षक एवं कर्मचारियों की संख्या और उनकी योग्यता के साथ स्कूल के
बुनियादी ढांचे की जानकारी देनी होगी। साथ ही स्कूल में लाइब्रेरी एवं खेल
ग्राउंड के साथ-साथ अन्य आवश्यक सूचनाएं देनी होगी। तत्पश्चात ही बोर्ड का
विशेष दल जांच के लिए स्कूल में पहुंचेगा और जांच पड़ताल करेगा। स्कूलों
में अग्नि सुरक्षा यंत्र, पीने के पानी की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं भी
जांची जाएंगी।
जांच दल अभिभावकों से भी करेगा बातचीत: हलवासिया विद्या
विहार स्कूल के प्रशासक राजकुमार सैनी का कहना है कि बोर्ड की पहल सराहनीय
है। इससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा। वह कहते है कि जांच टीम जब स्कूलों में
निरीक्षण के लिए आएगी तो वह अभिभावकों, विद्यार्थियों एवं स्कूल से जुड़े
हुए व्यक्तियों से कई तरह के सवाल भी पूछेगी। साथ ही स्कूल के समीप रहने
वालों के भी विचार जानेगी।
साभार: जागरण समाचार