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इस बार अप्रैल महीने की गर्मी में शिक्षकों को काफी कसरत करनी पड़ेगी।
किसानों व मजदूरों के बराबर पसीना बहाना पड़ेगा। लोग खेतों में काम कर रहे
होंगे। इधर, शिक्षक हाथों में रजिस्टरी उठाए गलियों में घूमते दिखाई
देंगे। शिक्षा विभाग ने जिम्मेदारी ऐसी सौंप दी कि एक दिन भी चैन से नहीं
बैठ सकते। अपनी जिम्मेदारी पूरा करने के लिए खेतों में भी चक्कर काटने
पड़
सकते हैं। इनमें सबसे अहम जिम्मेदारी है सभी बच्चों को स्कूल लाना और उनके
आधार कार्ड बनवाना। इतना ही नहीं, इस बार तो दाखिले भी ऑनलाइन होंगे।
शिक्षक अभी से उलझन में हैं कि अप्रैल में वह ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी
करवाएंगे या घर घर जाकर बच्चों के नाम पते दर्ज करेंगे। स्कूल मुखियाओं को
जारी पत्र में छह कार्यो को प्रमुखता से निपटाने के आदेश दिए गए हैं। कहा
है कि जो बच्चे अभी स्कूल नहीं आ रहे, उनका सर्वे करवाया जाए। उनके
अभिभावकों से मिलकर उन्हें स्कूलों में लाया जाए। यह काम प्राथमिक शिक्षकों
से करवाया जाएगा। सभी बच्चों के आधार कार्ड बनवाए जाएं। क्योंकि इस बार
ऑनलाइन दाखिले हो रहे हैं और दाखिले को आधार से लिंक किया जाना है। कमजोर
स्तर के बच्चों की उपचारात्मक कक्षा लगानी होगी। उन्हें खेल खेल में पढ़ने
की आदत डालनी है। सभी तरह के फंड व अन्य रिकॉर्ड भी अपडेट करना होगा। इस
बीच स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ बैठक भी अनिवार्य होगी ताकि
बच्चों को सरकारी स्कूलों में लाया जाए। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में
बच्चों की संख्या बढ़ाना अपने आप में अहम जिम्मेदारी है।
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साभार: जागरण समाचार
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