स्कूलों में शैक्षणिक कार्यो का बोझ हर साल बढ़ता जा रहा है। विभाग हाईटेक
हो रहा है। हर काम ऑनलाइन होने लगा है। शिक्षा स्तर में सुधार के लिए हर
रोज नए नए प्रयोग किये जा रहे हैं। निजी स्कूलों से स्पर्धा बढ़ती जा रही
है। शैक्षणिक कार्यो के अलावा सामाजिक कार्यक्रम, जैसे स्वच्छता अभियान,
जागरूकता रैलियां व खेलकूद आदि भी करवाने पड़ते हैं। जाहिर है कि शिक्षकों
को फुरसत नहीं है। ऊपर से बीएलओ की डयूटी।
दो महीने बाद स्थानीय निकाय के
चुनाव शुरू होने हैं। पिछली सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों ने इस डयूटी के
खिलाफ खूब विरोध जताया था। मगर मांग मौजूदा सरकार भी पूरी नहीं कर पाई।
इसलिए एक बार फिर से मांग दोहराई है। हालांकि मौलिक शिक्षा विभाग इस
संदर्भ में पत्र जारी कर चुका है कि पहली से आठवीं कक्षा तक के शिक्षकों को
यह डयूटी नहीं सौंपी जाएगी। मगर बावजूद इसके ऐसा हो रहा है। शिक्षकों का
कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने छह दिसंबर 2007 को एक केस में निर्णय दिया
कि शैक्षणिक सत्र में अध्यापक से बीएलओ की ड्यूटी नहीं ली जा सकती। इस
निर्णय के बाद भारत सरकार ने 13 सितंबर 2010 को आदेश जारी कर कहा कि
अध्यापकों को स्कूल समय में बीएलओ का कार्य न करवाया जाए। बावजूद शिक्षकों
को इस ड्यूटी से मुक्त नहीं किया गया।
सरकार को भेजा ज्ञापन: राजकीय
प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों को बीएलओ की डयूटी से मुक्त कराने के लिए
सरकार को ज्ञापन भेजा है। उनका कहना है कि बीएलओ की डयूटी से शैक्षणिक
कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आरटीई के अनुसार यह जिम्मेदारी सौंपना गलत पर
भी है। मगर इसके बावजूद यह काम सौंपा जा रहा है।
डीईओ से अनुमति नहीं,
प्रशासन के आदेश: शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन सचिव देवेंद्र दहिया ने कहा
कि दिलचस्प पहलू ये है कि बीएलओ की डयूटी संबंधी कोई व्यवस्था नहीं है।
निर्वाचन अधिकारी को चाहिए कि डयूटी के संदर्भ में डीईओ को पत्र भेजा जाए।
मगर यहां डीईओ को पता ही नहीं होता। निर्वाचन कार्यालय से सीधे आदेश
शिक्षकों के पास आ जाते हैं। यानी डीईओ कार्यालय से कोई अनुमति या आदेश
नहीं मिलता। इस व्यवस्था का विरोध शुरू करेंगे।
विचार-विमर्श चल रहा है: फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी एवं कार्यकारी डीईओ डॉ. यज्ञदत्त वर्मा ने
बताया कि इस मुद्दे पर विचार विमर्श चल रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों व
विभाग के उच्चाधिकारियों से बातचीत चल रही है। जल्द रास्ता निकालेंगे।
साभार: जागरण समाचार