एएनएम और जीएनएम की परीक्षा में अबकी बार स्वास्थ्य विभाग से भी मदद ली
जाएगी। वैसे भी इस परीक्षा को पहले सरकार ही कराती रही है, लेकिन एक सत्र
की परीक्षा हेल्थ यूनिवर्सिटी ने करवाई थी। उसी सत्र को पूरा करने की
जिम्मेदारी पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को दी
है। इसके तहत अब यह
परीक्षा 30 मार्च से शुरू होने वाली है। इसके लिए विवि
ने स्वास्थ्य विभाग से
मदद मांगी है। यह परीक्षा प्रदेश के 10 केंद्रों पर होनी है। मालूम हो कि
असिस्टेंट नर्सिंग मिडवाइफ (एएनएम) एवं जूनियर नर्सिंग मिडवाइफ (जीएनएम)
की परीक्षाएं निदेशक, स्वास्थ्य शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग (डीएमईआर ) की
ओर से कराई जाती है। विभाग पर नकल
कराने का आरोप लगने लगा। इसको ध्यान में
रखते हुए सरकार ने एक सत्र की परीक्षा प्रदेश की एकमात्र हेल्थ
यूनिवर्सिटी से कराने का फैसला लिया। जब पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य
विज्ञान विश्वविद्यालय ने परीक्षा कराया तो रिजल्ट करीब 35 प्रतिशत से भी
कम आए। इसके बाद पूरे प्रदेश में विवि के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा। स्कूल
संचालकों का आरोप था कि जानबूझ कर रिजल्ट खराब किया गया, जबकि हेल्थ
यूनिवर्सिटी का दावा था कि नकल रोकने के कारण ऐसा रिजल्ट आया। खैर अगले ही
वर्ष सरकार ने परीक्षा का भार फिर से स्वास्थ्य विभाग के कंधों पर रख दिया। वहीं जिस सत्र की शुरूआत विवि ने की थी उसको पूरा भी उसी को करना है।
वर्ष 2012 बैच की हुई परीक्षा में फेल हुए बच्चों के प्रथम व पास हुए
विद्यार्थियों के अंतिम यानि द्वितीय वर्ष की परीक्षा 30 मार्च से होनी है।
इस परीक्षा को विवि छह अप्रैल तक पूरा कराएगा। इसके लिए पूरे हरियाणा में
10 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। इसमें करीब 150 स्कूल, कॉलेज के लगभग सात
हजार परीक्षार्थी भाग लेंगे। एएनएम व जीएनएम की परीक्षा 30 मार्च से शुरू हो
रही है। इसको सकुशल संपन्न कराने के लिए सरकार से भी मदद ली जा रही है।
इसमें एक-एक पर्यवेक्षक सरकार एवं विवि की ओर से नियुक्त किए जा रहे हैं।
यह परीक्षा 2012 बैच की है। इसके लिए रोहतक सहित प्रदेश में 10 परीक्षा
केंद्र बनाए गए हैं।
साभार: जागरण समाचार