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शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल का रैकेट तोड़ने की पूरी तैयारी
कर ली है। छात्रों को नकल कराना अब आसान नहीं होगा। 4 मार्च से आरंभ हो रही
दसवीं व बारहवीं की परीक्षाओं में इस बार निजी स्कूलों के शिक्षकों की
ड्यूटी नहीं लगाई गई है। बीते वर्षो में पकड़े नकल के मामलों का अध्ययन
करने पर विभाग ने पाया कि निजी स्कूलों के शिक्षक छात्रों को नकल कराने में
संलिप्त रहे हैं। इसलिए इस बार तीन साल का अनुभव रखने वाले सरकारी
शिक्षकों की ही ड्यूटी लगाई गई है। इतना ही नहीं, परीक्षा केंद्र अधीक्षक
भी अपनी जगह किसी दूसरे को ड्यूटी पर नहीं भेज
पाएंगे। बोर्ड ने सेंटर
अधीक्षक की रिजर्व सूची भी जारी कर दी है। अगर कोई अधीक्षक ड्यूटी देने में
असमर्थ है तो उसकी जगह रिजर्व सूची से ही ड्यूटी लगेगी। अगर रिजर्व सूची
में शामिल अधीक्षक कम पड़ते हैं तो बोर्ड सचिव से अनुमति के बाद ही अन्य
शिक्षकों को सेंटर अधीक्षक लगाया जाएगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन एवं
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता ने बताया कि स्कूलों के
बाहर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात की जाएगी। असामाजिक तत्व परीक्षा
केंद्रों के बाहर माहौल खराब न कर सकें, इसलिए सख्ती से निपटा जाएगा। चुनाव
ड्यूटी पर न जाने वाले शिक्षकों को निलंबित किया जाएगा।
चेयरमैन ने की
सभी डीसी व कमिश्नर से बात: शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी
गुप्ता ने सभी जिलों के डीसी व चारों मंडलायुक्तों से नकल रोकने के लिए बात
की है। उपायुक्त व मंडलायुक्त परीक्षा केंद्रों पर छापामारी करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम का भी जायजा लिया जाएगा। बोर्ड के सचिव खुद
अधिक संवेदनशील परीक्षा केंद्रों का दौरा कर रहे हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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