साभार: जागरण समाचार
सबरीमाला मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इन्कार कर दिया है। सीजेआइ रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई 22 जनवरी को होगी। बता दें कि एक वकील ने याचिका दायर कर कोर्ट के 28
सितंबर के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।
सितंबर के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी।
बता दें कि सबरीमाला मंदिर पर विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। शीर्ष अदालत पहले ही सभी उम्र का महिलाओं को भगवान अयप्पा के इस प्राचीन मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे चुकी है, लेकिन आस्था के नाम पर केरल के हिंदू संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। इस पर जमकर राजनीति भी हो रही है। मंदिर भक्तों के लिए फिर 16 नवंबर को खुलने वाला है। 27 दिसंबर तक भक्त दर्शन कर सकते हैं।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर मे 10 से 50 उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक जारी रखने की मांग वाली तीन नई याचिकाओं पर सुनवाई टाली थी। कोर्ट ने कहा था कि वह सबरीमाला मंदिर के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के बाद इन पर सुनवाई करेगा।
केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन स्वीकार्य नहीं है। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। कोच्चि निवासी गोविंद मधुसूदन की जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि अगर याचिका पर विचार किया गया तो इससे गलत संदेश जाएगा और इसी तरह की घटनाएं फिर होंगी। मधुसूदन को पिछले महीने उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहा था। मालूम हो कि पुलिस ने अब तक 3,500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 540 मामले दर्ज किए हैं। लगभग 100 लोग अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।
ये है पूरा मामला: केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश वर्जित था। खासकर 15 साल से ऊपर की लड़कियां और महिलाएं इस मंदिर में नहीं जा सकती थीं। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती थीं। इसके पीछे मान्यता थी कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में युवा और किशोरी महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं। सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं।