साभार: जागरण समाचार
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से भड़के पाकिस्तान ने मंगलवार को एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया। पाकिस्तान ने ओसामा
बिन लादेन के संदर्भ में ट्रंप के बयान को आधारहीन बताते हुए कहा कि यह इतिहास का बंद अध्याय है। पाकिस्तान ने इस तरह के बयानों से द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की बात भी कही।
ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता रोके जाने के फैसले को सही ठहराते हुए रविवार को कहा था कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान किसी काम का नहीं है। अमेरिका से करोड़ों की मदद लेकर वह आतंकियों को पनाह देता रहा। ट्रंप ने पाकिस्तान में मारे गए ओसामा बिन लादेन का भी जिक्र किया। आतंकी संगठन अल कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को 2011 में अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी राजनयिक पॉल जान्स को तलब कर आपत्ति जताई गई है। उनसे कहा गया कि पाकिस्तान के बारे में इस तरह के आधारहीन बयान स्वीकार्य नहीं हैं। सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ट्रंप के बयान की आलोचना की थी। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के अभियानों में मारे गए पाकिस्तानियों का हवाला देते हुए कहा था कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान जैसा कोई सहयोगी नहीं हो सकता। कोई देश दूसरे के लिए इतना त्याग नहीं कर सकता।
ह्वाइट हाउस ने दोहराई ट्रंप की बात: इस बीच, ह्वाइट हाउस ने फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात दोहराई है। ह्वाइट हाउस ने कहा, 'ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान से उम्मीद करता है कि वह अपने यहां आतंकियों के पनाहगाह की समस्या पर उचित कदम उठाए। पाकिस्तान इस समस्या से पार पाने में असफल रहा है, इसलिए प्रशासन ने उसे मिलने वाली सहायता रोक दी। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान इस बात को समझेगा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति में सहयोग करना पाकिस्तान के अपने हित में है।' अमेरिका व अन्य देश लंबे समय से यह शिकायत करते रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को पनाह देता है और उन्हें सीमा पार आतंक फैलाने की अनुमति देता है। पाकिस्तान ऐसे आरोपों को नकारता रहा है।