Wednesday, August 16, 2017

ग्राफिक डिजाइन के बढ़ते इस्तेमाल से जॉब के मौके

यदि आपको ड्रॉइंग और स्केच बनाना पसंद है, तो ग्राफिक डिजाइनिंग कॅरिअर का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। मीडिया इंडस्ट्री में इसका उपयोग तेजी से बढ़ा है। डिजाइनिंग में तकनीक के इस्तेमाल से इसमें रोजगार के अवसर भी अब सीमित नहीं रह गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हालांकि वर्तमान में ग्राफिक डिजाइनिंग पेपर तक सीमित नहीं है और इसमें अब कंप्यूटर और विभिन्न तरह के सॉफ्टवेयर और टूल का इस्तेमाल किया जाता है। इन टूल की जानकारी इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाने में सहायक है। 
क्या है ग्राफिक डिजाइनिंग: ग्राफिक डिजाइन, विजुअल कम्युनिकेशन की एक प्रक्रिया है, जिसमें शब्दों, ईमेज और आइडिया का उपयोग कर जानकारी लोगों के समक्ष पेश की जाती है। अन्य शब्दों में कहें तो ग्राफिक डिजाइनिंग का इस्तेमाल किसी भी बात को विजुअली प्रेजेंट करने और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए किया जाता है। ग्राफिक डिजाइनर्स का काम कम्युनिकेशन को सरल बनाना के लिए विजुअल सॉल्यूशन ढूंढना और प्लान करना होता है। 
कैसे ले सकते हैं प्रवेश: एंट्रीलेवल पर काम करने के लिए ग्राफिक डिजाइनिंग या फाइन आर्ट से बैचलर डिग्री जरूरी होती है। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र इसके बैचलर डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके बाद छात्र एक वर्ष का विजुअल कम्युनिकेशन का डिप्लोमा भी कर सकते हैं। इसके अलावा इसके डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश लिया जा सकता है। 
कहां कर सकते हैं जॉब: इसमें बतौर क्रिएटिव डायरेक्टर, लेआउट आर्टिस्ट, फ्लैश डिजाइनर, वेब डिजाइनर, मल्टीमीडिया डिजाइनर, लोगो डिजाइनर या ब्रैंड आइडेंटिटी डिजाइनर जॉब कर सकते हैं। ये प्रोफेशनल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, पैकेजिंग, फिल्म एंड एनिमेशन, एडवर्टाइजिंग एजेंसी, मार्केटिंग फर्म, डिजाइनिंग स्टूडियो, पब्लिशिंग हाउसेस में भी काम कर सकते हैं। 
जरूरी स्किल्स: इस क्षेत्र में क्रिएटिविटी सबसेे अहम पहलू है। बेहतर क्रिएटिविटी वाले छात्र ही इसमंे अच्छा कॅरिअर बना सकते हैं। टेक्निकल, कंप्यूटर और डिजाइनिंग स्किल की भी डिमांड होती है। 
सैलरी पैकेज: छात्र पढ़ाई के दौरान ही इंटरर्नशिप कर वर्क एक्सपीरियंस ले सकते हैं। इंटर्नशिप में छात्रों को 5 से 10 हजार रुपए प्रति माह मिलने की संभावना होती है। इसके बाद जॉब में शुरुआती पैकेज औसतन 20 हजार रु प्रति माह तक मिल सकता है। 5 से 7 वर्षों के अनुभव के बाद यह 50 हजार से 1 लाख रुपए महीने तक हो सकता है। 
फैक्ट फाइल: कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में कुल कंपनियों में करीब 20 फीसदी कंपनियां ग्राफिक डिजाइनिंग की हैं। वहीं इस क्षेत्र मेंे करीब 87 फीसदी प्रोफेशनल किसी किसी कंपनी में काम करते हैं, जबकि 13 फीसदी प्रोफेशनल स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं। 
कहां से करे कोर्स:
  • आईआईटी, गुवाहाटी www.iitg.ac.in/
  • आईआईटी, बॉम्बे www.iitb.ac.in/
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद www.nid.edu/
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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