आईएएस की बेटी से छेड़छाड़ और पीछा करने के मामले में भाजपा लगातार कह रही है कि यह प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला का नहीं, निजी मामला है। सीएम मनोहर लाल भी कह चुके हैं कि आरोपी विकास के पिता सुभाष बराला का मामले से कोई लेना देना नहीं है। बीजेपी इसमें कोई इंटरफेयर नहीं कर रही है। जबकि हकीकत है कि छेड़छाड़ मामले में फंसे िवकास बराला उनके दोस्त आशीष की जमानत थाने से भाजपा नेताओं ने ही कराई थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरियाणा बीजेपी प्रवक्ता कृष्ण कुमार ढुल ने 50 हजार के मुचलके में विकास की जबकि चंडीगढ़ के सेक्टर-11 निवासी बीजेपी नेता सुधीर ने विकास के दोस्त दूसरे आरोपी आशीष की जमानत ली। शनिवार दोपहर से लेकर रात 9 बजे तक ढुल सेक्टर 26 पुलिस स्टेशन के फर्स्ट फ्लाेर में ही रहे। भाजपा भले ही मामले में राजनीतिक दखल से इनकार कर रही है, लेकिन अब तक की पुलिस कार्रवाई से स्पष्ट है कि दोनों आरोपियों को जेल जाने से बचाने की पूरी कोशिश की गई।
भाजपा, अपने प्रदेशाध्क्ष सुभाष बराला के साथ खड़ी है। फिलहाल वह इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन विपक्ष के साथ-साथ भाजपा सांसदों राजकुमार सैनी और सुब्रमण्यन स्वामी ने मोर्चा खोल दिया है। कुरुक्षेत्र सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि आरोपी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, राज्यसभा सांसद बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट किया है। लिखा, 'मैं केस फाइल करने जा रहा हूं।' इस बीच कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों के हमलावर होने से बराला की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उधर, सोमवार को दिन में खबर आई कि बराला ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन दोपहर बाद भाजपा में स्थिति साफ की। बराला मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले। माना जा रहा है कि करीब एक घंटे तक चली मुलाकात में बराला ने सीएम को पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया है। इसके बाद बीजेपी ने इस खबर का खंडन कर दिया कि बराला ने इस्तीफा दिया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव जैन ने कहा कि बराला को दिल्ली तलब किए जाने और इस्तीफा देने की खबरें निराधार हैं। ऐसे में घटनाक्रम को राजनीतिक रंग दिया जाना ठीक नहीं है। चंडीगढ़ पुलिस की जांच में जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं, हरियाणा प्रभारी अनिल जैन ने भी दिल्ली में मीडिया को दिए बयान में कहा कि बराला के इस्तीफे जैसी कोई बात नहीं है। कानून अपना काम करेगा।
दो शराबी गुंडों के द्वारा एक आईएएस की बेटी के अपहरण के प्रयास में चंडीगढ़ में पीआईएल फाइल करूंगा। मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। चंडीगढ़ पुलिस की रीढ़ की हड्डी नहीं है, उसकी सर्जरी की आवश्यकता है।-सुब्रह्मण्यन स्वामी,राज्यसभा सांसद
हमारी पार्टी ने ही 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया ै। परिवार की जैसी बेल होती है, उस पर वैसे ही फल लगते हैं। बराला को पार्टी की छवि बचाने को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। -राजकुमार सैनी,भाजपा सांसद, कुरुक्षेत्र
पुलिस पर सवालों के बीच सोमवार शाम चंडीगढ़ एसएसपी ईश सिंघल सामने आए। प्रेस कांफ्रेंस में सिंघल ने कहा, 'चंडीगढ़ पुलिस दबाव में नहीं हैं, नहीं तो पहले दिन एफआईआर दर्ज क्यों करते?' किडनैपिंग की धारा जोड़े जाने पर कहा कि जरूरत पड़ी तो और धाराएं भी जोड़ी जाएंगी। सीसीटीवी फुटेज को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। जिस इलाके में छेड़छाड़ हुई, वहां के फुटेज गायब हैं। कहा जा रहा है कि पुलिस आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इस बारे में सिंघल ने सीधा जवाब नहीं दिया। कहा, 'सीसीटीवी कैमरों की छानबीन हो रही है।' पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि ऐसी धाराएं लगाईं, जिससे आरोपियों को थाने से ही बेल मिल सके। अपहरण की कोशिश की धारा 365/511 नहीं लगाई। घटनाक्रम के मुताबिक शुक्रवार रात करीब 12: 30 पर विकास बराला (23) और उनके दोस्त आशीष (27) ने नशे में धुत होकर आईएएस की बेटी का पीछा किया। उसकी कार रोकने की कोशिश की।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ऐसे शख्स को बचाने में लगी है, जिसने लड़की को किडनैप करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पहले डीएसपी ने कुछ और बयान दिया, लेकिन बाद में उन्होंने बयान ही बदल दिया। सुरजेवाला ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस केंद्रीय गृहमंत्रालय के अधीन आती है, इसलिए केंद्र सरकार इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। अन्य पार्टियां भी भाजपा पर निशाना साध रही हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ पुलिस से मामले की रिपोर्ट तलब कर ली है।
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साभार: भास्कर समाचार
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