Friday, May 5, 2017

इनेलो के हंगामे और कांग्रेस के वाॅकआउट के बाद जीएसटी बिल पास; जानिए हरियाणा विस के विशेष सत्र की पूरी कार्यवाही

हरियाणा विधानसभा में गुरुवार को जीएसटी विधेयक एसवाईएल नहर पर विपक्षियों के सवालों के भंवर में फंसते-फंसाते आखिरकार पार हो ही गया। इस दौरान एसवाईएल के पानी को लेकर विपक्ष काफी आग-बबूला
हुआ। सीएम मनोहर लाल ने पहले तो शायराना अंदाज में मुद्दे को टालने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के काफी दबाव के बावजूद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात में एसवाईएल पर भी चर्चा होने की जानकारी तो दी। लेकिन इसका ब्योरा नहीं दिया कि प्रधानमंत्री के साथ इस मुद्दे पर उन्होंने क्या बातचीत की और पीएम मोदी ने क्या भरोसा दिलाया। इसी बीच सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हालांकि इससे पहले सत्तापक्ष ने रणनीति बनाई थी कि विधानसभा का यह विशेष सत्र केवल जीएसटी और कुछ अन्य विधेयकों को पारित करने के लिए बुलाया है। इसलिए इसमें अन्य कोई विषय नहीं लिए जाएंगे। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में भी इसी बात पर सहमति बनाने की कोशिश की गई। इसीलिए स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने हरियाणा स्कूल एजुकेशन नियम 134ए, पेट्रोल-डीजल में मिलावट, बिजली-पानी संकट और एसवाईएल समेत तमाम ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिए। इसके बावजूद शोकाभिव्यक्ति के बाद विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने एसवाईएल नहर के पानी का मुद्दा उठाया। 
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि हरियाणा के हितों के लिए उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उपखंड स्तर पर धरने दे रहे हैं, लेकिन महेंद्रगढ़ के डीसी ने उनके टेंट तक उखड़वा दिए। ऑल पार्टी मीटिंग का हवाला ेते हुए उन्होंने सीएम मनोहर लाल से इस बात के लिए भी जवाब मांगा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अकेले मिले। जबकि ऑल पार्टी डेलिगेशन के साथ मिलना था। फिर भी प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें क्या भरोसा दिलाया, इसका जवाब दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता अभय चौटाला की बात का समर्थन किया और कहा कि अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हरियाणा को उसके हक का पानी दिलाए। 

ये विधेयक पारित हुए: गुड़गांव विश्वविद्यालय विधेयक 2017, चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी जींद संशोधन विधेयक-2017, हरियाणा राज्य उद्यान विज्ञान विश्वविद्यालय करनाल संशोधन विधेयक 2017, भारतीय स्टांप (हरियाणा संशोधन) विधेयक 2017, वाईएमसीए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय फरीदाबाद संशोधन विधेयक 2017, हरियाणा विधानसभा सदस्य (वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक 2017, हरियाणा मंत्री वेतन तथा भत्ता संशोधन विधेयक 2017, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक-2017। इनके अलावा पिछले सत्र में पारित किए गए 13 विधेयकों को राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने अपनी मंजूरी दे दी है। 
जीएसटी से जरूरी एसवाईएल का पानी: दरअसल स्पीकर कंवरपाल गुर्जर जब जीएसटी विधेयक को क्लॉज वाइज पारित करवा रहे थे, तब विपक्षी सदस्य सीएम से एसवाईएल के मुद्दे पर जवाब मांग रहे थे। इस दौरान सरकारी मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जीएसटी महत्वपूर्ण है, पहले उसे पारित होने दें। इस पर विपक्ष के नेता अभय चौटाला तैश में आकर बोले, हमारे लिए जीएसटी या अन्य विधेयकों से ज्यादा महत्वपूर्ण एसवाईएल का पानी है। इसी दौरान उनकी गुप्ता के साथ तीखी नोक-झोंक भी हुई। 
कांग्रेस ने इनेलो के साथ मिलाया सुर, कांग्रेसियों का वॉकआउट: स्पीकरकंवरपाल ने जब शोकाभिव्यक्ति के बाद जीएसटी समेत तमाम विधेयक पारित करवाने शुरू किए तो इनेलो के सुर में सुर मिलाते हुए कांग्रेसी सदस्यों ने भी एसवाईएल के मुद्दे पर पहले सीएम मनोहर लाल का जवाब दिलाए जाने की मांग की। स्पीकर ने जब विधेयक पारित होने के बाद सीएम का जवाब दिलाए जाने की व्यवस्था दी तो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेसी सदस्य वॉकआउट कर गए।
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साभार: भास्कर समाचार 
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