Friday, May 12, 2017

हरियाणा की ऑनलाइन शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी के मुरीद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी

तबादलों में भ्रष्टाचार का खेल खत्म करने के लिए हरियाणा की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी दूसरे राज्यों को भी रास आने लगी है। नित नई योजनाओं से दूसरे राज्यों को राह दिखा रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग में तबादला ‘व्यवसाय’ को खत्म करने के लिए मनोहर सरकार से सहयोग मांगा है। कर्नाटक सरकार पहले ही प्रदेश की नई तबादला नीति का अनुकरण कर रही है।यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरियाणा की शिक्षक तबादला नीति पर मंथन के बाद उप्र सरकार इसे पूरी तरह लागू करने की तैयारी में है। शुक्रवार को हरियाणा के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक वीरेंद्र सिंह सहरावत लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रेजेंटेशन देंगे। वहां के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव दीपेंद्र कुमार हरियाणा की नीति के तमाम पहलुओं की जानकारी हासिल करेंगे।
हरियाणा ने पिछले साल ही शिक्षा विभाग में ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी शुरू की थी। सुगम पोर्टल पर माउस के एक क्लिक से अगस्त में 10 हजार 436 पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी), सितंबर में 20 हजार 831 प्राथमिक शिक्षक (जेबीटी) और दिसंबर में 2391 टेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) के तबादले हो गए। इससे पहले प्रदेश के सबसे बड़ा महकमे माने जाने वाले इस विभाग में तबादलों के नाम पर खूब गोलमाल होता था।
शिक्षा निदेशालय के उच्च अधिकारियों और मंत्री के यहां सिफारिश लगाने वालों की भीड़ जमा रहती थी जिससे स्कूलों में पढ़ाई चौपट होने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती थी।
हरियाणा के शिक्षा विभाग की नई ऑनलाइन तबादला नीति उत्तर प्रदेश सरकार को पसंद आई है। वहां इसे लागू करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने हमारी मदद मांगी थी। शुक्रवार को लखनऊ में हमारी उच्च स्तरीय मीटिंग है जिसमें हम अपने अनुभव शेयर करेंगे। - पीके दास, अतिरिक्त मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, हरियाणा

इसलिए पसंद आ रही शिक्षक तबादला नीति: पिछले साल जुलाई से लागू नई शिक्षक तबादला नीति में पूरी तरह पारदर्शिता अपनाई गई है। इसके तहत पांच साल से एक ही स्कूल में जमे मुख्याध्यापकों व शिक्षकों को अनिवार्य और तीन साल से कार्यरत शिक्षकों को ऐच्छिक रूप से सुगम पोर्टल पर तबादलों के लिए स्कूलों के विकल्प देने होते हैं। समानता और अध्यापकों के मांग आधारित वितरण के आधार पर यह नीति तैयार की गई ताकि बच्चों के शैक्षणिक हितों को सुरक्षित किया जा सके। रिक्तियों का सकेंद्रण केवल कुछ ही विद्यालय में न हो, इसके लिए सभी रिक्तियों को आनुपातिक रूप में विभाजित किया जाता है। सभी जिलों के सरकारी विद्यालयों को सात क्षेत्रों में विभाजित कर शिक्षकों को इच्छित विद्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। इच्छित विद्यालय न मिलने पर ही उसे अन्य विद्यालयों में नियुक्ति किया जाता है।

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साभार: जागरण समाचार 
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