Thursday, May 4, 2017

कुख्यात मोस्ट वांटेड "लादेन" था अरबपति बिजनेसमैन का बेटा, 13 की उम्र में मिली इतनी दौलत

मोस्ट वॉन्टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन के एनकाउंटर को आज (2 मई 2011) छह साल हो गए हैं। सऊदी अरब के रईस कंस्ट्रक्शन कारोबारी के घर जन्मा लादेन पढ़ाई के दौरान ही धार्मिक कट्टरपंथियों के संपर्क में आ गया था। यहीं से उसका झुकाव आतंकवाद की ओर हुआ और उसने 1988 में अलकायदा की
स्थापना की। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कई छोटे-बड़े हमलों के बाद अमेरिका पर 9/11 अटैक ने उसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकी बना दिया।
13 की उम्र में मिली 19 अरब रुपए की विरासत:

  • 1957 में लादेन का जन्म सऊदी अरब के जेद्दा में यमनी कंस्ट्रक्शन कारोबारी मोहम्मद बिन लादेन के घर हुआ था। मोहम्मद सऊदी के मौजूदा किंग फैजल के करीबी दोस्त थे और उनका बिन लादेन ग्रुप मक्का-मदीना की मस्जिदों के रेनोवेशन के कॉन्ट्रैक्ट लेता था। 
  • 1968 में पिता की मौत के बाद 13 साल की उम्र में लादेन और उनके भाइयों को 300 मिलियन डॉलर (19 अरब रुपए) की संपत्ति विरासत में मिल गई थी। 
  • शुरुआती पढ़ाई के बाद जेद्दा में ही उसने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए किंग अब्दुल्ल अजीज यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। 
  • लादेन के पूर्व क्लासमेट के मुताबिक, वो नाइटक्लब भी जाता था और सऊदी के रईस सहयोगियों के साथ शराब भी पीता था। 
  • वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर अपना फैमिली बिजनेस संभालने की तैयारी में था, लेकिन ज्यादा दिन कोर्स जारी नहीं रख सका।
  • लादेन रिलीजियस पॉलिटिक्स पढ़ाने वाले मुस्लिम कट्टरपंथी शेख अब्दुल्लाह आजम के संपर्क में आया और उनके विचारों से काफी प्रभावित हुआ। 
  • आजम हमेशा अपनी स्पीच में इस्लामिक राष्ट्रों को विदेशी दखल से आजाद कराने की बात करता था और अपने स्टूडेंट्स को धार्मिक कट्टरपंथ को मानने पर जोर देता था। 
  • आजम का मानना था कि इस्लाम को अपनी जड़ों की तरफ लौटना चाहिए और इसे न मानने वालों के खिलाफ जिहाद छेड़ा जाना चाहिए।
ऐसे बन गया मोस्ट वॉन्टेड आतंकी:

  • सूडान में लादेन ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए विदेशी फंड लिए और आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप शुरू हुए। उसकी पहली प्राथमिकता मुस्लिम देशों से अमेरिकियों के खदेड़ना था। 
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1992 में अलकायदा ने पहला हमला यमन के अदेन के एक होटल में किया था, जिसमें दो ऑस्ट्रेलियन टूरिस्ट मारे गए थे।
  • इसके बाद 1993 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर बड़ा हमला किया। सेंटर के पास किए ट्रक बम धमाके में छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि सैकड़ों घायल हुए थे।
  • अमेरिकियों को निशाना बनाते हुए फिर 1995 में अलकायदा ने नैरोबी और तंजानिया के दार-ए-सलाम में अमेरिकी एम्बेसी के बाहर बम ब्लास्ट किया, जिसमें 224 लोगों की मौत हुई।
  • 1996 में अमेरिकी दबाव के चलते सूडान ने लादेन को देश से निकाल दिया। वो अपने 10 बच्चों और तीन बीवियों को लेकर अफगानिस्तान पहुंचा। यहां उसने अमेरिकी फोर्स के खिलाफ जिहाद का एेलान किया।
  • 1998 में अमेरिका की एक कोर्ट ने एम्बेसी पर हमले के आरोप में लादेन को दोषी ठहराया। उसके सिर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा गया। 
  • इसके बाद 1999 में एफबीआई ने लादेन को दुनिया के 10 मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर लिया।
  • 2001 में अल-कायदा ने 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर्स और पेंटागन पर हमला किया, जिसमें 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 
  • इस हमले के बाद अमेरिकी सरकार ने मुख्य आतंकी के तौर पर लादेन के नाम का एलान कर दिया और इसकी तलाश में अफगानिस्तान में कई बड़े ऑपरेशन किए। 
  • आखिरकार 2011 में अमेरिका का कोवर्ट ऑपरेशन कामयाब रहा और पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लागेन को मार गिराया गया।
लादेन बना अफगान वॉर का हिस्सा:
  • 1980 के दशक में विद्रोही समूह मुजाहिदीन ने सोवियत यूनियन और अफगान सेना के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था। इससे पहले 1970 में ही लादेन कई कट्टरपंथी मुस्लिम गुटों से जुड़ चुका था। 
  • लादेन इस युद्ध में अफगान लड़ाकों के सहयोग के लिए पाकिस्तान के पेशावर पहुंच गया और उन्हें सऊदी के ओर से आर्थिक मदद भी दिलवाने लगा। 
  • यहां लादेन ने अरब-अफगानियों और उनकी फैमिली को मदद पहुंचाने के लिए 'द बेस' नाम से एक गुट बनाया, जिसे बाद में अलकायदा के नाम से जाना गया।
  • 1989 में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हटने के बाद लादेन फैमिली की कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करने के मकसद से सऊदी अरब लौट गया। 
  • अपने संगठन को मजबूत करने के लिए उसने फंड जुटाना शुरू किया और अल कायदा ग्लोबल ग्रुप बन गया। इसका हेड ऑफिस अफगानिस्तान में रहा, जबकि उसके मेंबर 35 से 60 देशों में मौजूद थे।
  • बिन लादेन ग्रुप के वर्कर डेनियल ओमान के मुताबिक, लादेन अपनी भाइयों और सऊदी अरब किंगडम की ओर बहिष्कृत किया जा चुका था।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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