Thursday, February 9, 2017

नरम पड़े यशपाल मलिक के सुर, 4 शर्तों के साथ सरकार से बातचीत को तैयार

आरक्षण सहित 7 मांगों को लेकर चल रहे धरने के 11वें दिन अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक के सुर नरम पड़ने लगे हैं। कल तक सरकार से किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करने वाले मलिक चीफ सेक्रेटरी डीएस ढेसी की अध्यक्षता वाली कमेटी से शर्तों के साथ बातचीत को
तैयार हुए हैं। सूत्राें के अनुसार पश्चिमी यूपी में चुनाव और हरियाणा में धरनों को लेकर कई जाट नेताओं भाजपा हाईकमान के बीच बातचीत चल रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बुधवार को मलिक ने जसिया में कहा कि कमेटी से दिल्ली या चंडीगढ़ छोड़ रोहतक या हरियाणा के किसी भी जिले में बातचीत होगी और अंतिम फैसला जसिया में होगा। धरनास्थल पर समिति की ओर से प्रस्ताव जारी कर ऐलान किया गया कि यदि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि 4 दिन में धरनास्थलों पर नहीं आएंगे तो यह माना जाएगा कि वे इस लड़ाई में हमारे साथ नहीं हैं। अपने रुख में आए बदलाव के सवाल में भास्कर से मलिक ने कहा कि सरकार ने धरनों को लोकतांत्रिक तरीके से चलने दिया है, इसलिए हम बातचीत के लिए तैयार हुए हैं। इसे यूपी चुनाव से जोड़ें। हालांकि, सरकार की तरफ से अभी तक कोई िनमंत्रण नहीं मिला है। 
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि धरने के नाम पर जो भी कानून का उल्लंघन और प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने का प्रयास करेगा उससे सख्ती से निपटा जाएगा। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि राजनीतिक दलों का आंदोलनों में इस तरह से भाग लेना सही नहीं है। हालांकि सीएम ने यह भी उम्मीद जताई है कि जाट आरक्षण आंदोलन के मुद्दे का जल्द समाधान हो जाएगा।

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साभार: भास्कर समाचार 
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