हरियाणा के भाजपा कार्यकर्ता भले ही सरकार की चाल-ढाल में तेजी लाने की हिमायत कर रहे, लेकिन भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन की परीक्षा में मनोहर सरकार मैरिट के अंकों के साथ पास हो गई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल
के सवा दो साल के शासन को हुड्डा और चौटाला के राज से कहीं बेहतर बताते हुए भाजपा प्रभारी अनिल जैन ने कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि सरकार चलाने का मतलब दबंगई कतई नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रभारी की इस नसीहत का मतलब साफ है कि कार्यकर्ताओं को अब अधिक मीन-मीख निकालने की जरूरत नहीं है और अगले पौने तीन साल में इनेलो और कांग्रेस दोनों भाजपा के निशाने पर रहेंगे।
भाजपा की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में भागीदारी करने पहुंचे राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन विपक्षी दलों पर आक्रामक मुद्रा में दिखाई पड़े। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के साथ-साथ मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं से उनकी सरकार के कामकाज पर लंबी बातचीत हुई। जैन ने मनोहर सरकार को 80 से 90 फीसदी नंबर देते हुए कहा कि पहले दबंगई, गुंडागर्दी, कब्जे, मारपीट और प्रापर्टी डीलिंग का हल्ला था। तब प्रदेश के लोगों को लगता था कि सरकार नाम की चीज है, जो मनमानी कर रही है। मनोहर सरकार धीरे से शांति के साथ प्रदेश के विकास को गति प्रदान कर रही। कोई शोर-शराबा नहीं। कोई अपराध या हो-हल्ला नहीं तो लोगों को लग रहा कि सरकार की चाल तेज नहीं है। ऐसी सोच गलत है। अनिल जैन ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि जब दबंगई होगी तो क्या तभी लगेगा कि प्रदेश में सरकार है। लोगों को भी इस सोच और मानसिकता से ऊपर उठना होगा। पार्टी के लिए नए और पुराने सभी कार्यकर्ता अहमियत रखते हैं। कार्यकर्ता मान-सम्मान चाहते हैं। उन्हें बैंक बैलेंस नहीं चाहिए। पार्टी यह दे भी नहीं सकती। सरकार कार्यकर्ताओं के मान सम्मान का पूरा ध्यान रख रही है। उन्होंने सरकार के बेहतरीन काम गिनाते हुए कहा कि 170 सरकारी योजनाओं को आनलाइन किया जा चुका है। सिटीजन चार्टर लागू होने के बाद कामों के प्रति अफसरों की जवाबदेही तय हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की मदद से हरियाणा को जल्द ही उसके हिस्से का पानी मिलने वाला है।
नोटों पर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नोट हटने का बयान देने वाले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और जाटों के विरुद्ध अग्निबाण छोड़ने वाले सांसद राजकुमार सैनी पर भाजपा प्रभारी तल्ख दिखे। उन्होंने कहा कि दोनों से बात कर लगी गई है। उन्हें पार्टी लाइन और मर्यादा नहीं लांघने को कहा गया है। कार्रवाई क्या की गई, यह महत्वपूर्ण नहीं है। पार्टी अपने सिस्टम से कार्रवाई करती है।स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के विरुद्ध पार्टी भले ही कार्रवाई का दावा कर रही, लेकिन उनके मीडिया सलाहकार ने उस आरटीआई को सोशल मीडिया पर डाला है, जिसमें कहा गया है कि महात्मा गांधी राष्ट्रपिता नहीं है। यह काम खुद विज ने तो नहीं किया, लेकिन उनके सलाहकार द्वारा सार्वजनिक सूचना का मतलब साफ है कि विज का बापू पर दिया गया बयान पार्टी के दबाव में वापस लिया है।
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साभार: भास्कर समाचार
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