Tuesday, January 31, 2017

फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के सहारे जमानत मांगने वाले आसाराम की अर्जी ठुकराई सुप्रीम कोर्ट ने

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में तीन साल से जेल में बंद विवादास्पद कथावाचक आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिकाएं ठुकरा दीं हैं। कोर्ट ने उसे अंतरिम और नियमित किसी भी तरह की जमानत देने से इन्कार कर दिया है। इतना ही नहीं खराब स्वास्थ्य दिखाने के लिए अदालत
में फर्जी दस्तावेज पेश करने पर कोर्ट ने उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का भी आदेश दिया है। साथ ही आसाराम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आसाराम जोधपुर जेल में बंद है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ये आदेश सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आसाराम की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए दिए। आसाराम ने गुजरात और राजस्थान दोनों जगहों पर केस के मामले में जमानत मांगी थी। एक मामले में उसने नियमित जमानत की गुहार लगाई थी जबकि दूसरे मामले में खराब स्वास्थ्य को आधार बनाते हुए अंतरिम जमानत मांगी थी। कोर्ट ने आसाराम के वकील की ओर से जमानत के पक्ष में दी गई सारी दलीलें खारिज करते हुए कहा कि याचिका आधारहीन है। कोर्ट ने कहा कि आसाराम ने जमानत के लिए कोर्ट में फर्जी दस्तावेज दाखिल किए। यह गंभीर मामला है। इसे महज माफी मांगे जाने के आधार पर नहीं छोड़ा जा सकता। कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज दाखिल करने पर आसाराम और उसके पैरोकार के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि जल्द से जल्द जांच पूरी की जाए और अगर जांच के बाद आपराधिक मामला पाया जाता है तो मुकदमा चलाया जाए।
आसाराम का खराब स्वास्थ्य साबित करने के लिए पैरोकार ने कोर्ट में जेल सुपरिंटेंडेंट का एक पत्र पेश किया था जिसमें कहा गया था कि आसाराम का स्वास्थ्य इतना खराब है कि वे बिस्तर पर ही मल-मूत्र त्याग रहे हैं। राजस्थान सरकार की ओर से पेश एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट के समक्ष यह मसला उठाते हुए कहा कि दस्तावेज फर्जी है और आसाराम की हालत इतनी खराब नहीं है। 
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि दो गवाहों की सुनवाई के दौरान हत्या हुई है। गवाहों को धमकी दी गई है। यह कहते हुए कोर्ट ने आसाराम की नियमित जमानत खारिज कर दी। मेडिकल आधार पर जमानत ठुकराते हुए कोर्ट ने कहा कि उसकी हालत इतनी खराब नहीं है।
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साभार: जागरण समाचार 
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