Monday, January 23, 2017

हो गया अध्यादेश पास: जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत, 86 से ज्यादा लोग घायल

छह दिन चले जनांदोलन के बाद सोमवार को तमिलनाडु में कई जगह जल्लीकट्टू का आयोजन हुआ। इस दौरान सांड़ों को काबू करने की कोशिश में दो लोगों की मौत हो गई। राज्यभर में कम से कम 86 लाेगों के घायल होने
की भी सूचना है। दूसरी तरफ, राज्य सरकार के अध्यादेश से जनता का गुस्सा कम नहीं हुआ है। स्थायी समाधान मांगते हुए कई जगह लोगों ने जल्लीकट्टू का आयोजन नहीं होने दिया। मदुरै के अलंगानल्लुर में तो मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम भी जल्लीकट्टू का उद्घाटन नहीं कर पाए। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें कार्यक्रम स्थल तक नहीं जाने दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रविवार को चेन्नई के मरीना बीच सहित प्रदेशभर में कई जगह छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा। अलंगानल्लुर में प्रदर्शनकारियों ने बैलाें के दौड़ने वाला रास्ता ही रोक दिया। वहीं, नाथम कोविलपट्टी गांव के तमुक्कम में भी खेल नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल निर्बाध जारी रहेगा। सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में इसे लेकर कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अलंगानल्लुर में जब लोग तय करेंगे तभी जल्लीकट्टू का आयोजन होगा। 
पेटा पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी: तमिलनाडु सरकार पेटा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कानूनी रास्ते तलाश रही है। जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने में पेटा का अहम रोल रहा है। पेटा कार्यकर्ताओं की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जल्लीकट्‌टू पर बैन लगा दिया था। संस्था का आरोप है कि इस खेल के लिए सांडों को नशीले पदार्थ दिए जाते हैं ताकि वह मैदान पर आक्रमक बने रहे। 
जल्लीकट्टूपर जारी अध्यादेश के खिलाफ याचिका की आशंका पर तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया है। कहा है कि अध्यादेश के खिलाफ याचिका दाखिल होने पर राज्य का पक्ष सुना जाए। तमिलनाडु सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल योगेश कन्ना ने इसकी पुष्टि की। गत शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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