प्राइवेट स्कूलों की मनमर्जी और प्रशासनिक लापरवाही ने 12 अबोध बच्चों की जान ले ली। उत्तर प्रदेश के एटा जिले में गुरुवार सुबह एक स्कूली बस और ट्रक की आमने-सामने की भिड़ंत में 12 बच्चों समेत बस चालक की मौत हो गई जबकि, 30 से अधिक बच्चे घायल हो गए। प्रशासन ने सर्दी और कोहरे की वजह से स्कूलों को बंद
करने का आदेश दिया था बावजूद इसके स्कूल खोला गया। इस हृदयविदारक हादसे में मरने वालों में साइकिल से विद्यालय जा रहीं वे दो बहनें भी शामिल हैं, जिन्हें बचाने के चक्कर में दुर्घटना हुई। घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त किया है। सभी बच्चों का निशुल्क इलाज राज्य सरकार कराएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जिलाधिकारी शंभूनाथ ने स्कूल प्रबंधक अजीत यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है लेकिन, वह घटना के फौरन बाद फरार हो गया। इस बात का जवाब कोई नहीं दे रहा है कि जब डीएम के आदेश के बाद भी कई स्कूल बंद नहीं हुए तो उनके खिलाफ जिला प्रशासन और जिला विद्यालय निरीक्षक ने पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की। घटना के बाद अब कमिश्नर भी सख्त हुए हैं और डीएम ने जांच बिठा दी है।
जेएस विद्या निकेतन की बस गुरुवार सुबह दरियावगंज से बच्चों को लेकर करीब तीन किलोमीटर दूर अलीगंज जा रही थी। सुबह 8.30 बजे गांव असदनगर के पास अलग-अलग साइकिल पर सवार दो छात्रएं अचानक सामने आईं तो चालक ने बस की स्टेयरिंग काटी। इस बीच कोहरे के चलते चालक को सामने से आता ट्रक नहीं दिखा और बस सीधे उसमें जा घुसी। तेज टक्कर के बाद ट्रक अनियंत्रित होकर गड्ढे में जा गिरा जबकि बस का आधा हिस्सा पूरी तरह पिचक गया। जोरदार आवाज और बच्चों की चीख सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़े और 45 मिनट बाद पुलिस के पहुंचने पर ही राहत कार्य शुरू हो सका।
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साभार: भास्कर समाचार
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