पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर भारत सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ घंटों बाद भटक कर एलओसी के पार पहुंचे भारतीय सैनिक शनिवार को स्वदेश लौट आया। 115 दिन तक उसे हिरासत में रखने के बाद पाक ने रिहा किया। दोपहर बाद वाघा बार्डर पर उसे बीएसएफ के सुपुर्द किया गया। जहां से सेना के अफसर उसे अपने
साथ ले गए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र के धुले जिले के बोर विहिर गांव निवासी 22 वर्षीय चंदू बाबूलाल चव्हाण 37 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात था। 29 सितंबर को मंढेर जिले में एलओसी पर पेट्रोलिंग के दौरान भटक कर पाकिस्तान में चला गया था। पाक रेंजरों ने उसे हिरासत में ले लिया था। जानकारी होने के बाद चंदू को रिहा कराने की कोशिशें शुरू हुईं। रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने बताया कि मंत्रालय और डीजीएमओ चंदू को रिहा कराने के लिए प्रयासरत थे। डीजीएमओ स्तर पर पाक से 20 से ज्यादा बार बातचीत हुई। इस काम में विदेश मंत्रालय की भी अहम भूमिका रही। भामरे ने बताया कि जवान के मेडिकल और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे घर भेजा जाएगा। इधर, चंदू के बड़े भाई भूषण चव्हाण ने मंत्रालय और सेना के अफसराें का धन्यवाद दिया है। उसने कहा कि भाई को छुड़ाने के लिए उसने पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों को भी ट्वीट किया था। उसने उसके भाई और एक भारतीय सैनिक की रिहाई के लिए प्रार्थना करने वाले हर व्यक्ति का धन्यवाद किया।
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साभार: भास्कर समाचार
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