Tuesday, January 24, 2017

हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म: बारहवीं पास छात्रों के लिए सुनहरा करियर, पांच वर्षों में एक लाख नौकरियों के अवसर

हाल के वर्षों में यह देखने को मिला है कि देश के विभिन्न राज्यों द्वारा टूरिज्म को बढ़ावा देने के कई प्रयास किए गए हैं। इससे देश की हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा मिला है। ऐसे में इससे संबंधित क्षेत्रों जैसे कि होटल, रेस्त्रां और टूरिज़्म के क्षेत्र में युवाओं के लिए नए अवसर बने हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार अगले
5 सालों मंे सिर्फ होटल इंडस्ट्री में हायरिंग में 30 फीसदी का इजाफा होगा और एक लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की सैलरी में भी 10 से 25 फीसदी का इजाफा हो सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। देश में मध्यम वर्ग के विस्तार और उनके आय में बढ़ोतरी से घरेलू और बाहरी टूरिज्म को बढ़ावा मिला है। विदेश से आने वाले पर्यटकों में पिछले वर्ष की अपेक्षा 11.8 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। अगस्त, 2016 तक भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 6 लाख 70 हजार तक पहुंच गई। टूरिज्म मंत्रालय के अनुसार इस दौरान देश को टूरिज्म से होने वाले लाभ में पिछले वर्ष की अपेक्षा 13.1 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस दौरान इसमें 12 हजार 903 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। वहीं ई-टूरिस्ट वीज़ा में भी 199.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है और इसके माध्यम से देश में आने वाले पर्यटकों की संख्या अगस्त, 2016 में 66 हजार 97 थी। 
देश में इंटरनेट और स्मार्टफोन के विस्तार से 2016 में ऑनलाइन होटल बुकिंग के मामले में दोगुनी बढ़त देखने को मिली है। टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर शीर्ष 10 सेक्टर में से एक है जिसमें सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार होटल और टूरिज्म सेक्टर में अप्रैल 2000 से मार्च 2016 तक लगभग 9.23 अरब डॉलर रुपए का प्रत्यक्ष निवेश हुआ है। 
हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री और टूरिज्म इंडस्ट्री के विस्तार से होटल मैनेजमेंट और ट्रैवल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए नौकरियों के नए अवसर बने हैं। होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में योग्यता के अनुसार नौकरियों के कई अवसर होते हैं। हालांकि टॉप लेवल या मिडिल लेवल में काम करने के लिए होटल या ट्रैवल मैनेजमेंट की डिग्री जरूरी होती है। हालांकि इससे संबंधित कोर्स कराने वाले संस्थानों की संख्या देश में बहुत कम है। ऐसे में इस क्षेत्र में ट्रेंड प्रोफेशनल की कमी है और आने वाले समय में इनकी मांग तेजी से बढ़ने की संभावना है।
देश की जीडीपी में हॉस्पिटैलिटी अौर टूरिज्म इंडस्ट्री की हिस्सेदारी अगले 10 वर्षों में 10.1% की सालाना दर से बढ़ेगी। इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज संस्थान और अनुभव के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। इसमें ग्रेजुएट प्रोफेशनल को शुरुआती पैकेज 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद पैकेज 30 से 35 हजार रुपए प्रति माह तक मिल सकता है। इस क्षेत्र में प्रोफेशनल होटल, रेस्त्रां, क्रूज शिप, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, कैटरिंग, एयरलाइन, टूरिज्म एसोसिएशन और क्लब मैनेजमेंट, ट्रैवल एजेंसीज में काम कर सकते हैं। हालांकि इसके बाद छात्रों के पास आन्त्रप्रेन्योरशिप के भी अच्छे अवसर होते हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में विदेशों मंे भी नौकरी के बेहतर अवसर मौजूद हैं। 
योग्यता: 50 फीसदी अंकों के साथ किसी भी स्ट्रीम से बारहवीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र होटल मैनेजमेंट या ट्रैवल मैनेजमेंट के कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा छात्र इसके डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। देश के बड़े संस्थान होटल मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्स में प्रवेश के लिए एंट्रेंस टेस्ट अायोजित करते हैं। इस क्षेत्र में काम करने के लिए कम्युनिकेशन स्किल, रीजनिंग स्किल और न्यूमेरिकल स्किल का बेहतर होना जरूरी है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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