तमिलनाडु में भारी जनविरोध के बाद सांड़ों को काबू करने वाले खेल जल्लीकट्टू से रोक हटा ली गई। केंद्र से जारी अध्यादेश को राज्यपाल विद्याधर राव ने मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु की जनता की भावनाओं का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। रविवार को अलंगानल्लुर में जल्लीकट्टू का आयोजन होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पशु अधिकार संस्थाओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मई-2014 को जल्लीकट्टू पर रोक लगा दी थी। तमिलनाडु में इस बार जल्लीकट्टू पर लगी रोक हटाने के लिए भारी जनविरोध शुरू हो गया। पांच दिनाें से तमिलनाडु में जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के बाद शुक्रवार को राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा। कानून और पर्यावरण मंत्रालयों से मशविरा लेने के बाद शुक्रवार की रात गृह मंत्रालय ने अध्यादेश तमिलनाडु भेज दिया।
जल्लीकट्टू से रोक हटाने को लेकर जारी प्रदर्शनों के चलते सूखे का आंकलन करने वाली केंद्रीय टीम तमिलनाडु नहीं पहुंच सकी। टीम ने अपना कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया है। कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव वसुधा मिश्रा की अगुवाई में नौ सदस्यीय टीम को तमिलनाडु सरकार द्वारा घोषित सूखे का आकलन करने पहुंचना था। हालांकि राज्यव्यापी बंद के कारण टीम तमिलनाडु नहीं पहुंच सकी और इसने अपना कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया है। अब यह टीम सोमवार को सीएम पन्नीरसेल्वम से मुलाकात करेगी। तमिलनाडु सरकार ने अपने यहां 32 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया था और केंद्र से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 39,565 करोड़ की मदद मांगी थी।
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साभार: भास्कर समाचार
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