इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो सोमवार को दो दिन की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। उनकी इस यात्रा में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, आतंकवाद से निपटने और रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर विचार विमर्श होने की संभावना है। विडोडो ने इंटरव्यू में कहा, 'दोनों देशों को रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने में निकट
सहयोग करना चाहिए।' यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। किसी जमाने में हिंदू और बौद्ध बहुल आबादी वाला इंडोनेशिया फिलहाल विश्व में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। जोको विडोडो अक्टूबर 2014 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने हैं। यह उनकी पहली भारत यात्रा है। विडोडो ने कहा, आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती है भारत और इंडोनेशिया को मिल कर इससे निपटना होगा। उनका देश आतंकवाद खत्म करने के लिए किसी भी देश से सहयोग करने को तैयार है। भारत के साथ इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। विडोडो के साथ उनकी पत्नी इरियाना जोको विडोडो और कई कैबिनेट मंत्री रहे हैं। इनमें विदेश, व्यापार, उद्योग, निवेश और स्वास्थ्य मंत्री हैं। इसके साथ ही एक उच्चस्तरीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी रहा है, जिसमें इंडोनेशिया के प्रमुख व्यापार मंडल के अध्यक्ष कादिन शामिल हैं। राष्ट्रपति विडोडो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी तथा प्रमुख उद्योगपतियों से भी मिलेंगे। दोनों देशों के उद्योगपति दवा निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के बारे में बातचीत करेंगे।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने साफ संकेत दिए हैं कि भारतीय नागरिक को दी गई मौत की सजा माफ नहीं की जाएगी। भारत यात्रा से पहले पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मेरा मुख्य काम कानून और देश की संप्रभुता बनाए रखना है। मौत की सजा केवल गंभीर अपराधों के लिए ही दी जाती है।' क्या भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह को माफी दी जाएगी? राष्ट्रपति विडोडो ने कहा सजा नागरिकता देखकर नहीं दी जाती।
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साभार: भास्कर समाचार
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