Monday, December 12, 2016

आंखें जाने से निराश थे ये शिक्षक, गुरुओं की प्रेरणा से बने आरएएस

जन्मजात अंधता की बीमारी से पीड़ित एक शिक्षक का राजस्थान प्रशासनिक सेवा में पहले ही प्रयास में चयन हो गया इसके लिए उनकी प्रेरणा बने वे गुरुजन जिन्होंने उनकी प्रारंभिक शिक्षा की नींव रखी। अपने शिक्षकों के सहयोग से आंखों की रोशनी से जूझ रहे इस संघर्ष के इस पुरोधा ने शिक्षा की ज्योति से अपना भविष्य उज्जवल कर लिया। यहां बात हो रही है अलवर जिला निवासी गुलाबसिंह गुर्जर की। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दृष्टिबाधित छात्रों की कैटेगरी में गुलाब 9वें स्थान पर रहे। गुलाब बचपन से ऐसे नहीं थे। इनकी आंखों की रोशनी पूरी थी और यह एक अलवर के एक सरकारी स्कूल में सरकारी शिक्षक थे। लेकिन जन्मजात बीमारी के कारण बढ़ती उम्र के साथ धीरे-धीरे इनकी आंखों की रोशनी कम होती गई। 
फिर एक समय ऐसा आया जब इनकी आंखों की रोशनी 60 प्रतिशत से ज्यादा जा चुकी थी। आंखें जाने के बाद गुलाब निराश रहने लगे। उन्हें यह समझ नहीं रहा था कि भविष्य में उनका क्या होगा और वह अपने शिक्षक के पेशे को कैसे आगे बढा पाएंगे। जब गुलाब को पढ़ाने वाले शिक्षकों को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। गुरु से प्रेरणा पाकर गुलाब ने आरएएस की तैयारी की और सफल रहे।
जिनसे पढ़ते थे, वही बने गुरु: बचपनमें गुलाब जिस स्कूल में पढ़ते थे, शिक्षक बनने के बाद उनकी पोस्टिंग उसी स्कूल में हो गई। ऐसे में जिन शिक्षकों से वह पढ़े थे उन्हीं के साथ पढ़ाने का मौका मिला। जब उनकी बीमारी ने असर दिखाना शुरू किया तो वह डिप्रेशन में रहने लगे। इसके बाद इनके गुरुओं ने उन्हें प्रशासनिक सेवा के लिए प्रेरित किया। गुलाब ने बताया कि सामान्य व्यक्ति दिन में 16 घंटे से ज्यादा भी पढाई कर सकते हैं। लेकिन आंखों की कमजोरी के कारण वह इतना समय खुद को नहीं दे पाते थे। लेकिन जितना भी समय मिलता था वह पूरी लगन के साथ तैयारी करते थे। आरएएस की तैयारी कराने वाले प्रवीण भाटिया ने उनके साथ तीन शिक्षकों को रखा था। वे किताबें पढ़ते रहते थे और गुलाब बैठकर सुनते रहते थे। लेकिन ठीक तरह से पढाई रात में ही हो पाती थी। उन्हें पढ़ाने वाले महेंद्र, सलीम और भागीरथ रात भर बारी बारी जागकर उन्हें किताबें पढ़कर सुनाते थे और वह इसे सुनकर याद करते थे। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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