Sunday, December 18, 2016

सिंधु जल संधि पर तनाव में पाकिस्तान

सिंधु जल समझौते में मतभेदों को द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने के प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान तनाव में है। शनिवार को पाकिस्तान की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वह जल समझौते में किसी भी तरह का बदलाव या संशोधन स्वीकार नहीं करेगा। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विशेष सलाहकार तारिक फातमी ने
अखबार 'डॉन' को दिए एक बयान में यह कहा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को कहा था कि किशनगंगा प्रोजेक्ट समेत अन्य मामलों में तकनीकी डिजाइन पर पाक की तरफ से उठाई गई आपत्ति का समाधान दोनों तरफ के विशेषज्ञ कर सकते हैं। उन्होंने इसके लिए अतिरिक्त समय की भी मांग की थी। अतिरिक्त समय की मांग के चलते पाक तनाव में है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद का कहना है कि भारत पहले भी ऐसे ही समय मांगकर अपनी परियोजनाआें को पूरा कर लेता है। इसके बाद डिजाइन में बदलाव हो पाने का तर्क देता है। 
नृपेंद्र मिश्रा और अजित डोभाल होंगे सदस्य: पाकिस्तानके साथ 56 साल पुराने सिंधु जल समझौते के रणनीतिक पहलुओं की निगरानी के लिए सरकार ने एक हाई लेवल टास्क फोर्स का गठन किया है। कई मंत्रालयों के सचिवों वाली इस टास्क फोर्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल होंगे। सरकार की तरफ से शुक्रवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। टास्क फोर्स के अन्य सदस्यों में विदेश सचिव एस जयशंकर के अलावा वित्त, पर्यावरण, ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालयों के सचिव भी शामिल होंगे। इनके साथ जम्मू-कश्मीर और पंजाब के मुख्य सचिव भी आमंत्रित सदस्य होंगे। उड़ी हमलाें के बाद प्रधानमंत्री ने टास्क फोर्स के गठन का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत सिंधु जल समझौते के तहत आने वाली छह नदियों के पानी का पूरा इस्तेमाल करेगा।
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साभार: भास्कर समाचार 
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