केंद्र सरकार टैक्स की दरों में कटौती कर सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद इसके संकेत दिए हैं। जेटली ने कहा, 'नोटबंदी से कालाधन सिस्टम में आएगा तो टैक्स रेवेन्यू बढ़ेगा। इसके अलावा डिजिटल लेनदेन भी बढ़ेगा। ज्यादा से ज्यादा लेनदेन टैक्स के दायरे में आने के बाद टैक्स रेवेन्यू बढ़ेगा। इससे सरकार प्रत्यक्ष और
अप्रत्यक्ष दोनों टैक्स की दरें कम कर सकती है।' इनकम और कॉरपोरेट टैक्स प्रत्यक्ष कर हैं। सर्विस टैक्स, एक्साइज, वैट इत्यादि अप्रत्यक्ष करों में आते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जेटली ने कालाधन जमा करने वालों को भी चेतावनी दी। कहा, जांच एजेंसियों की नजर नकद जमा करने वालों पर है। बैंकों में आई नकदी का हिसाब होगा। जिस पर टैक्स नहीं दिया गया, उस पर अब वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी और तय सीमा से ज्यादा खर्च के लिए पैन जरूरी करने पर कर चोरी और भ्रष्टाचार कम होगा। उधर, रिजर्व बैंक ने बैंकों को चेतावनी जारी की है। कहा, अगर बैंकों में कालेधन को बदलने का खेल चल रहा है तो ऐसे बैंकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। दोषी बैंक कर्मचारी भी सस्पेंड होंगे।
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साभार: भास्कर समाचार
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