Wednesday, December 14, 2016

HSSC क्लर्क पेपर लीक काण्ड में दो जेबीटी और एक कोचिंग सेंटर वाला शामिल, दो पकड़े, जांच जारी

एचएसएससी की क्लर्क भर्ती परीक्षा में आंसर -की लीक मामले में जींद के दो जेबीटी टीचर्स और रोहतक की यूनिवर्सल एकेडमी संचालक एक टीचर की भूमिका सामने आई है। भिवानी पब्लिक स्कूल के सेंटर में आंसर-की जैमर टीम का फर्जी आईकार्ड पहनकर पहुंचाई गई थी। जैमर टीम का सदस्य बनकर आंसर-की पहुंचाने वाले
भिवानी के खरकड़ी निवासी अनिल पंघाल और जेबीटी टीचर जींद के काकड़ोद निवासी विरेंद्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में पता चला कि पेपर का कोड बताने के बाद आंसर-की अनिल के मोबाइल पर आई। इससे साबित होता है कि आंसर-की पहले बन चुकी थी। यह दर्जनभर से ज्यादा परीक्षार्थियों को 6 से 9 लाख रु. में बेची गई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वहीं, यूनिवर्सल एकेडमी संचालक रोहतक के भैणी चंद्रपाल निवासी जितेंद्र सिवाच, जैमर कंपनी सुपरवाइजर भिवानी के शांति नगर निवासी अजय जांगड़ा, जेबीटी टीचर जींद के उदयपुर निवासी सतीश और आंसर-की देने वाले मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। जांच टीम के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेपर और आंसर-की प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक होने का शक है। 
इन परीक्षा केंद्रों की हो रही जांच: एसपीने बताया कि अभियुक्तों द्वारा भिवानी पब्लिक स्कूल, वैश्य स्कूल, जी लिट्रा स्कूल, आदर्श कॉलेज, राजीव गांधी कॉलेज, राजकीय कॉलेज, केएम स्कूल तथा हलवासिया स्कूल में भी आंसर-की पहुंचाए जाने की आशंका है। इसलिए इन परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। 
जैमर कंपनी के सुपरवाइजर और रोहतक के एकेडमी संचालक भी साजिश में शामिल: एसपी अशोक कुमार ने बताया कि अनिल रोहतक की यूनिवर्सल एकेडमी में साइंस फैकल्टी के तौर पर कार्यरत है। एकेडमी के संचालक जितेंद्र सिवाच के साथ मिलकर उसने जैमर कंपनी इनोवेटिव के सुपरवाइजर अजय जांगड़ा से आंसर-की परीक्षा केंद्र में पहुंचाने की योजना बनाई। उसे प्रति परीक्षार्थी 60 हजार रुपए देना भी तय किया। वहीं, एसपी ने बताया कि एचएसएससी वालों से बात हुई है। ऑन्सर-की बिल्कुल ओरिजनल है। अब इस बात की जांच चल रही है कि पेपर कहां से लीक हुआ। 
पेपर का कोड बताने के बाद फोन पर आई थी आंसर-की, पुलिस को प्रिंटिंग प्रेस पर शक: भिवानी एसपी अशोक कुमार ने बताया कि आंसर-की के साथ पकड़े गए जींद के घोघड़िया निवासी नरेंद्र को पास कराने के लिए विरेंद्र ने सतीश से मिलाया। विरेंद्र सतीश दोनों जेबीटी टीचर हैं। सतीश अम्बाला में तैनात है। पास कराने के लिए 9 लाख रुपए में सौदा हुआ। एक लाख एडवांस में दिए थे, जो पुलिस ने आरोपी अनिल से बरामद कर लिए हैं। 11 दिसंबर को परीक्षा शुरू होने के 10 मिनट बाद 3:10 बजे अनिल भिवानी पब्लिक स्कूल के सेंटर में नरेंद्र के पेपर का कोड देखकर आया। 40 मिनट बाद आंसर-की दे आया। सतीश की गिरफ्तार के बाद ही पता चल पाएगा कि पेपर कहां से लीक हुआ। वहीं, जैमर कंपनी के सुपरवाइजर अजय की गिरफ्तारी से पता चलेगा कि कितने फर्जी आईकार्ड बने। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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