पहले के समय में हम कई मौकों पर गाइडेंस के लिए अपने पैरेंट्स या अन्य बड़े रिश्तेदारों पर निर्भर रहते थे। कॅरिअर का चुनाव बहुत ही बुनियादी हुआ करते थे - लॉ, इंजीनियरिंग या मेडिसिन? जब कोई एक बार प्रोफेशन में प्रवेश कर जाता था, तो ग्रोथ काफी हद तक अनुभव पर निर्भर होती थी। आज लगातार बदलते समय में
कॅरिअर के कई नए विकल्प सामने आए हैं। इनमें से किसी एक विकल्प के चुनाव में मेंटर की मदद कॅरिअर को बेहतर दिशा दे सकती है। कई कॉलेजों और फर्म में मेंटरशिप के लिए एक विधिवत प्रणाली तैयार की जाती है, जो छात्रों और एंप्लॉई की पर्सनल और प्रोफेशनल विकास में सहायता करते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
टेलीरंग को आईआईटी रूड़की में अामंत्रित किया गया, जहां संस्थान के साथ पार्टनरशिप में अपनी तरह का पहला नॉन एकेडमिक मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किया। इस प्रोग्राम के तहत थर्ड ईयर के छात्रों को प्रभावी मेंटर के रूप में तैयार किया जाता है, ताकि वे फर्स्ट ईयर के छात्रों को बेहतर तरीके से गाइड कर सकें। हाल ही में आईआईटी रूड़की द्वारा इन हाउस मेंटरशिप प्रोग्राम लॉन्च किया गया, जिसमें कॉलेज के छात्र मेंटर बनने या मेंटरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यदि आपके स्कूल या कॉलेज में ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं है, फिर भी मेंटरशिप का फायदा उठा सकते हैं। जानिए इसके बारे में:
मेंटर की तलाश करना: मेंटर के साथ बेहतर समझ स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। मेंटर से कॅरिअर से जुड़ी स्किल और तकनीकी जानकारियां सीखी जा सकती हैं। मेंटरशिप के लिए पर्सनल कॉन्टेक्ट, लिंक्डइन या किसी खास व्यक्ति से मेल या सोशल मीडिया के जरिए बात की जा सकती है। इसके अलावा किसी अनुभवी व्यक्ति के अंडर इंटर्नशिप भी की जा सकती है।
बड़े निर्णय से पहले मेंटर की सलाह महत्वपूर्ण: किसी भी बड़ी उपलब्धि के समय अपने मेंटर से मिलना चाहिए। उदाहरण के लिए ग्रेजुएशन इवेंट में अपने मेंटर को आमंत्रित किया जा सकता है। कम समय के लिए ही सही, लेकिन जीवन के बड़े निर्णय जैसे कि नई जॉब, कॉलेज का चुनाव या फिर शादी के लिए भी मेंटर से मिलना चाहिए। चाहें तो स्कूल, कॉलेज लाइफ और वर्क लाइफ के लिए अलग-अलग मेंटर का चुनाव कर सकते हैं। अपने मेंटर की गलतियों से भी सीख ली जा सकती है। उनसे समय-समय पर यह सवाल भी किया जा सकता है कि अब आप कैसा काम कर रहे हैं।
व्यक्तिगत रिश्ता भी अहम: किसी मेंटर की तलाश एक अलग बात है, लेकिन उनके साथ लंबे समय तक बने रहने के लिए भी काफी मेहनत करनी पड़ती है। रिलेशन को बेहतर करने के लिए प्रमुख त्योहारों या अन्य महत्वपूर्ण अवसर पर कार्ड्स या ग्रीटिंग भेज सकते हैं। ऐसे में प्रोफेशनल लाइफ से हटकर पर्सनल लाइफ से जुड़े सवाल भी पूछे जा सकते हैं।
कॅरिअर के कई नए विकल्प सामने आए हैं। इनमें से किसी एक विकल्प के चुनाव में मेंटर की मदद कॅरिअर को बेहतर दिशा दे सकती है। कई कॉलेजों और फर्म में मेंटरशिप के लिए एक विधिवत प्रणाली तैयार की जाती है, जो छात्रों और एंप्लॉई की पर्सनल और प्रोफेशनल विकास में सहायता करते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।
टेलीरंग को आईआईटी रूड़की में अामंत्रित किया गया, जहां संस्थान के साथ पार्टनरशिप में अपनी तरह का पहला नॉन एकेडमिक मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किया। इस प्रोग्राम के तहत थर्ड ईयर के छात्रों को प्रभावी मेंटर के रूप में तैयार किया जाता है, ताकि वे फर्स्ट ईयर के छात्रों को बेहतर तरीके से गाइड कर सकें। हाल ही में आईआईटी रूड़की द्वारा इन हाउस मेंटरशिप प्रोग्राम लॉन्च किया गया, जिसमें कॉलेज के छात्र मेंटर बनने या मेंटरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यदि आपके स्कूल या कॉलेज में ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं है, फिर भी मेंटरशिप का फायदा उठा सकते हैं। जानिए इसके बारे में:
मेंटर की तलाश करना: मेंटर के साथ बेहतर समझ स्थापित करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। मेंटर से कॅरिअर से जुड़ी स्किल और तकनीकी जानकारियां सीखी जा सकती हैं। मेंटरशिप के लिए पर्सनल कॉन्टेक्ट, लिंक्डइन या किसी खास व्यक्ति से मेल या सोशल मीडिया के जरिए बात की जा सकती है। इसके अलावा किसी अनुभवी व्यक्ति के अंडर इंटर्नशिप भी की जा सकती है।
बड़े निर्णय से पहले मेंटर की सलाह महत्वपूर्ण: किसी भी बड़ी उपलब्धि के समय अपने मेंटर से मिलना चाहिए। उदाहरण के लिए ग्रेजुएशन इवेंट में अपने मेंटर को आमंत्रित किया जा सकता है। कम समय के लिए ही सही, लेकिन जीवन के बड़े निर्णय जैसे कि नई जॉब, कॉलेज का चुनाव या फिर शादी के लिए भी मेंटर से मिलना चाहिए। चाहें तो स्कूल, कॉलेज लाइफ और वर्क लाइफ के लिए अलग-अलग मेंटर का चुनाव कर सकते हैं। अपने मेंटर की गलतियों से भी सीख ली जा सकती है। उनसे समय-समय पर यह सवाल भी किया जा सकता है कि अब आप कैसा काम कर रहे हैं।
व्यक्तिगत रिश्ता भी अहम: किसी मेंटर की तलाश एक अलग बात है, लेकिन उनके साथ लंबे समय तक बने रहने के लिए भी काफी मेहनत करनी पड़ती है। रिलेशन को बेहतर करने के लिए प्रमुख त्योहारों या अन्य महत्वपूर्ण अवसर पर कार्ड्स या ग्रीटिंग भेज सकते हैं। ऐसे में प्रोफेशनल लाइफ से हटकर पर्सनल लाइफ से जुड़े सवाल भी पूछे जा सकते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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