Monday, December 12, 2016

पोस्टग्रेजुएशन से पहले जॉब या इंटर्नशिप है फायदेमंद

भारत मेंजॉब के विकल्प, स्टार्टअप और मास्टर डिग्री प्रोग्राम बढ़ने के साथ ही छात्रों के सामने ग्रेजुएशन के बाद एक से ज्यादा विकल्प हो गए हैं। ज्यादा विकल्प होने के साथ ही सही चुनाव करना छात्रों के लिए मुश्किल हो जाता है। छात्रों को जॉब, हायर एजुकेशन या अपने पसंद के क्षेत्र में बिज़नेस शुरू करने में से किसी एक का चुनाव
करने में दुविधा का सामना करना पड़ता है। मेरी रिसर्च के अनुसार भारत में अंडरग्रेजुएट कोर्स कराने वाले 35 हजार कॉलेज हैं, जिनमें से अधिकांश के पास विधिवत प्लेसमेंट सेल नहीं है। इसके परिणामस्वरूप अधिकतर छात्र आगे पढ़ाई करने का विकल्प चुन लेते हैं। जॉब की संभावनाओं के लिहाज से यह अच्छे विकल्पों की कमी है। आमतौर पर छात्र बेहतर जॉब के लिए एमबीए कोर्स में प्रवेश को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन शोध में यह बात सामने चुकी है कि भारत में सिर्फ 7 फीसदी एमबीए ग्रेजुएट ही रोजगार के लायक हैं। देश में हर वर्ष 70 लाख छात्रों के ग्रेजुएट होने से क्या फायदा हो रहा है। यदि आप ग्रेजुएट हो चुके हैं या होने वाले हैं और भविष्य के रास्ते के चुनाव को लेकर दुविधा में हैं, तो ये पॉइंट सही चुनाव करने में आपकी मदद कर सकते हैं। 
जॉब करना: जॉबआपको यह सीखने का अवसर प्रदान करती है कि कंपनियों में काम कैसे होता है और कंपनी किस तरह काम करती है। जॉब का अनुभव आपको आगे की पढ़ाई में भी काम आता है और इसे अच्छे संस्थानों में प्रवेश के समय महत्व दिया जाता है। काम के दौरान नेटवर्क बनाने में भी मदद मिलती है, जो आपके पर्सनल और प्रोफेशनल डेवलपमेंट में मददगार हो सकता है। ग्रेजुएशन के बाद जॉब करने से व्यावहारिक अनुभव तो बढ़ता ही है, साथ ही हायर एजुकेशन में होने वाले खर्च की बचत भी होती है। 
उच्च शिक्षा का विकल्प चुनना: यदिआप सुनिश्चित हैं कि आप किस फील्ड में अपना कॅरिअर बनाना चाहते हैं, तो ग्रेजुएशन के बाद उच्च शिक्षा का चुनाव आपके नॉलेज को बेहतर करेगा। यदि आप अपने क्षेत्र में पढ़ाई का आनंद लेते हैं, तो इसमें स्पेशलाइजेशन भी हासिल कर सकते हैं। विदेश की किसी अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ने का विकल्प भी बेहतर लोगों से मिलने का अवसर लेकर आता है। 
आंत्रप्रेन्योरशिप का विकल्प: यदि आपके पास अच्छे सलाहकार हैं और किसी समस्या को सुलझाने का बेहतर आइडिया हो, तो अांत्रप्रेन्योरशिप को चुन सकते हैं। इसके साथ ही रिस्क लेने के लिए भी तैयार रहना होगा। अपना बिज़नेस शुरू करना कठिन है, लेकिन अच्छे मुनाफे का जरिया भी है। अपने पैशन को आप एक अच्छे बिज़नेस में बदल सकते हैं। आशय यह है कि एक छात्र होने के नाते पहले इंटर्नशिप करिए। इससे यह तय करने में मदद मिलेगी आप किस चीज में ज्यादा बेहतर हैं। ग्रेजुएशन के बाद कम से कम दो वर्ष तक जॉब कर यह तय कर सकते हैं कि क्या वाकई आप इस क्षेत्र में कॅरिअर बनाना चाहते हैं। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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