एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
मैं अक्सर यात्राएं करता हूं इसलिए किसी फिल्म स्टार के साथ यात्रा का अवसर मेरे लिए दुर्लभ नहीं है, लेकिन ऐसा कम ही होता है। कई बार मैं उन्हें देख भी लेता हूं तो पत्रकार होने का मेरा ईगो उनसे निकटता की इजाजत नहीं देता है, जब तक कि कोई प्रोफेशनल कारण हो। इस बुधवार को चेन्नई की फ्लाइट में बिज़नेस क्लास में
प्रभुदेवा थे। उन्हें उनके डांस और कोरियोग्राफी के लिए ज्यादा जाना जाता है, हालांकि वे एक्टिंग, प्रोडक्शन और निर्देशन भी करते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पहली बार मैं उन्हें पहचान नहीं पाया, उन्होंने ही पहले अभिवादन किया। मैंने भी जवाब दिया, लेकिन इसमें जोश नहीं, ठंडापन था। जब मैंने अन्य यात्रियों को पहली रो से गुजरते हुए उनका नाम पुकारते सुना तो मेरी 'मंद बुद्धि' में चेतना आई और अपने जोश भरे प्रयासों से पहले के ठंडे बर्ताव की पूर्ति करने की कोशिश की। इसे उन्होंने काफी उदारता से स्वीकार किया। जैसे ही विमान ने उड़ान भरी बिज़नेस क्लास के यात्रियों ने ऐसा बर्ताव किया जैसे वे सभी से बढ़कर हों, जबकि प्रभुदेवा सामान्य थे और जिससे भी उनकी नजरें मिलती वे मुस्कुरा देते। विमान हवाई पट्टी से 35,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने में 25 मिनट का समय लगा। सीट बेल्ट साइन स्विच ऑफ हो गए थे। इस दौरान प्रभु देवा ने पांच अखबार पढ़ लिए थे। मैं देख रहा था कि कैसे ये कलाकार अखबार जैसे प्रोडक्ट को देखते हैं, क्योंकि इस प्रोडक्ट से मैं पिछले 30 साल से जुड़ा हूं। देवा ने करीब सभी अखबारों को स्पोर्ट्स पेज से पढ़ना शुरू किया और लगभग 30 प्रतिशत समय इसी पेज को दिया। उन्होंने ग्लोबल डेवलपमेंट की खबरों को 15 प्रतिशत समय दिया। 55 प्रतिशत समय उन्होंने फिल्मी खबरें पढ़ने पर दिया। उन्होंने अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और कुछ हॉलिवुड स्टार्स ने क्या कहा है, यह पढ़ने को ज्यादा समय दिया। उस दिन की सबसे बड़ी स्टोरी पर ध्यान नहीं दिया, जो संजय दत्त पर थी। अगर मैं यह कहूं कि महिला कलाकारों पर ध्यान नहीं के बराबर था तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कुछ सालों पहले वे अभिनेत्री नयनतारा से संबंधों को लेकर विवादों में गए थे, जबकि वे पहले से शादीशुदा थे। मैंने उनसे रीडिंग हैबिट के बारे में पूछा तो उनका जवाब था, 'मैं उन्हीं लोगों के बारे में पढ़ना पसंद करता हूं, जो मुझसे आगे हों या जिन्हें मैं जीवन में अचीवर मानता हूं। मैं जानना चाहता हूं कि वे कैसे आगे बढ़े, कैसे बात करते हैं। मैं उन लोगों को फॉलो करता हूं, कॉपी करने की कोशिश करता हूं, अगर वे मुझे या मेरी लाइफ को सूट करे तो, लेकिन उन्हें क्लीयर अचीवर होना चाहिए।
बिज़नेस क्लास में यात्रा के लिए मैं लंच या डिनर का समय चुनने की कोशिश करता हूं, ताकि मुझे अच्छा भोजन मिल सके। लेकिन उस दिन प्रभु देवा ने मुझे एक अलग ही सबक दिया। उन्होंने अपनी प्लेट में सर्व की गई हर चीज मुश्किल से दो चम्मच ही खाई। उन्होंने बताया कि आमतौर पर वे अपने पेट के लिए खाते हैं, स्वाद या जुबान के लिए नहीं। कोई आश्चर्य नहीं कि उस प्लेन में मौजूद अधिकांश फैन्स को उन्होंने कम से कम वेस्टलाइन के मामले में तो शर्मिंदा कर दिया था। शायद इसीलिए लोग उन्हें रबर मैन कहते हैं। जितना समय वे अपने डाइनिंग टेबल पर बिताते हैं उससे दोगुना समय ट्रेड मिल पर। दो घंटे पचास मिनट की उड़ान के बाद मैंने जीवन के कुछ अहम सबक लिए थे- अनुशासन, जुबान पर नियंत्रण, अच्छी पसंद और सबसे अहम अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो उन लोगों के बारे में पढ़िए जो आपसे ज्यादा सफल हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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