किदांबी श्रीकांत ने रविवार को रियो ओलंपिक में पुरुष सिंगल्स के प्रीक्वार्टर फाइनल में पहुंचकर भारतीय बैडमिंटन खेमे में उम्मीद की किरण जगाई। वहीं, पदक की सबसे बड़ी भारतीय उम्मीद मानी जा रहीं साइना
नेहवाल महिला सिंगल्स में हारकर ओलंपिक से बाहर हो गईं।
हार का बदला लिया: ग्रुप एच के दूसरे मैच में विश्व के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी श्रीकांत ने स्वीडन के हेनरी हुरस्काईनेन को 34 मिनट तक चले मुकाबले में 21-6, 21-18 से शिकस्त दी। इसी के साथ श्रीकांत ने 2011 के स्विस ओपन में हेनरी से मिली हार का बदला भी ले लिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 2014 के चाइना ओपन और 2015 के इंडिया ओपन के विजेता श्रीकांत ने अपने प्रहारों से मैच पर अपना अधिकार बनाए रखा और अपने विरोधी को गलतियां करने पर मजबूर किया। शुरुआती गेम में 13-4 की बढ़त लेने के बाद श्रीकांत जबर्दस्त स्मैश के जरिये 17-5 पर पहुंच गए। हेनरी का सामना करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई और उन्होंने पहला गेम 13 मिनट में खत्म कर दिया। दूसरे गेम में हेनरी ने अपने प्रदर्शन को सुधारा। उन्होंने श्रीकांत को कड़ी टक्कर दी। हालांकि श्रीकांत ने 15-12 की बढ़त बनाई, लेकिन उससे पहले हेनरी ने उन्हें 8-8 और 11-11 से कड़ी चुनौती दी।
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साभार: जागरण समाचार
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