Thursday, July 7, 2016

अब सरकारी अस्पतालों में ख़त्म होगा 'रेफर करने का खेल' - अनिल विज

हरियाणा के जिला अस्पतालों में बदहाली की तस्वीर जल्द बदल सकती है। खासकर इमरजेंसी वार्ड में काफी हद तक सुधार की संभावना है। करोड़ों रुपये के जरूरी उपकरण खरीदे जा रहे हैं। कुछ खरीद लिए गए हैं तो कुछ आने वाले दिनों में खरीद लिए जाएंगे। सभी उपकरण प्रदेश भर के जिला अस्पतालों में भेजे जाएंगे। इसके साथ
ही अंकुश लगाया जाएगा रेफर के खेल पर। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सभी आवश्यक सुविधाएं होने पर भी अगर डॉक्टर किसी मरीज को रेफर करेंगे तो उनसे बाकायदा लिखित में स्पष्टीकरण लिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकांश जिला अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं की हालत काफी खस्ता है। मरीज या किसी घायल की हालत अगर जरा सी भी गंभीर हो तो उसे सीधे पीजीआइ रेफर कर दिया जाता है। बहुत बार इस रेफर के चक्कर में ही मरीज दम तोड़ देता है। अगर सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं की ही बात करें तो प्रदेश भर में हाईवे पर हर साल लगभग 10 हजार हादसे होते हैं, जिनमें करीब 3700 लोग काल का ग्रास बन जाते हैं। 131 अक्टूबर, 2014 तक प्रदेश भर में 9133 हादसे हुए, जिनमें मरने वालों की संख्या 3751 रही। 31 अक्टूबर, 2015 तक हादसों की यह संख्या जहां 8968 रही एवं इनमें दम तोड़ने वालों की संख्या 3702 और घायलों की संख्या 8216 दर्ज की गई। जब भी किसी सड़क हादसे के घायलों को जिला अस्पताल में लाया जाता है तो उसे जरा सा भी गंभीर होने पर खानपुर या रोहतक या फिर दिल्ली- चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया जाता है। वजह, यथावश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं न होना। ज्यादातर रेफरल केसों में घायलों की मौत ही हो जाती है। अंबाला से दिल्ली जाने के दौरान समालखा में रुके स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने जागरण से बातचीत में बताया कि करीब 65 करोड़ रुपये के बजट से एमआरआइ, सिटी स्कैन, डायलेसिस इत्यादि विभिन्न मशीनें खरीदी जा चुकी हैं। जल्द से जल्द यह सभी उपकरण सभी जिलों के सिविल अस्पतालों में भिजवा दिए जाएंगे।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.