Monday, July 4, 2016

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी का नया फरमान; खेलों में कॉलेजों ने हिस्सा नहीं लिया तो होगी सख्त कार्रवाई

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) रोहतक ने खेलों के बढ़ावे और प्रतिस्पर्धा की कमी को पूरा करने के लिए नया फरमान जारी किया है। इससे नई प्रतिभाओं को ऊपर लाने में भी मदद मिलेगी। इस फरमान के अनुसार एमडीयू से संबंधित कॉलेजों को सुविधाएं और ग्रांट मिलने के बाद भी वह खेलों का हिस्सा नहीं बनते। खेलों की
एंट्री फीस जमा नहीं करते। ऐसे कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई होगी। पहले साल उस कॉलेज पर खेलों के तहत दो वर्ष का प्रतिबंध लगा खेल कोटे की सूची से बाहर किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कॉलेज लगातार 3 साल हिस्सा नहीं लेगा तो उस कॉलेज का एफिलेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसलिए एमडीयू से संबंध रखने वाले कॉलेजों को कम से कम तीन खेलों का हिस्सा बनना ही पड़ेगा। 7 जुलाई खेलों के लिए एंट्री फीस जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की है। 
इतने कॉलेज नहीं लेते हैं हिस्सा: 
प्रदेश में एमडीयू से संबंधित 632 कॉलेज हैं। एमडीयू अधिकारियों के अनुसार इसमें से 30 फीसदी कॉलेज अपने स्टूडेंट्स को किसी भी खेल में आगे लाने में रुचि नहीं दिखाते है। जबकि 20 फीसदी एक या दो खेल का ही हिस्सा बनते हैं। 
ये खेल होते हैं यूनिवर्सिटी में: तीरंदाजी,खो-खो, एथलेटिक्स, टेबल टेनिस, एकेटिक्स, टेनिस, बॉल बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बेसबॉल, शतरंज, बॉक्सिंग, क्रिकेट, क्याकिंग, फुटबॉल, क्रॉस कंट्री रेस, हैंडबॉल, साइकिलिंग, हॉकी, फैंसिंग, कबड्डी, जिम्नास्टिक, मलखन, वूशू, जूड़ो, वोवीनाॅम, नेटबॉल, जंप रोप, शूटिंग, कबड्डी नेशनल स्टाइल, योगा, रोईंग, ताइक्वांडो, सॉफ्टवॉल, बॉस्केटबॉल, स्कॉवश, बैडमिंटन, रेसलिंग, अमरीकन फुटबॉल, याचिंग, गतका, हॉकी 5एस, कोर्फबॉल, सोफ्ट टेनिस, रोल बॉल, टग ऑफ वार, सेपक टेकरॉ और ई-स्पोर्ट्स। 
क्यों जारी किया यह फरमान: एमडीयूअधिकािरयों के अनुसार यूनिवर्सिटी के खेलों में प्रतिस्पर्धा काफी कम है। काफी कॉलेज तो सुविधाएं एवं ग्रांट मिलने के बाद भी हिस्सा नहीं लेते हैं। एमडीयू खेलों में इंटरनेशनल कोचिंग के साथ वर्ल्ड स्तर की सुविधाएं मुहैया करा रहा है। बावजूद इसके यूनिवर्सिटी स्तर से प्रतिभाएं नेशनल खेलों में आगे नहीं पा रही हैं। मौलाना अब्दुल कलाम ट्रॉफी को जीतने की कोशिश एमडीयू ने शुरू की है। अभी तक इस ट्रॉफी को पंजाब की यूनिवर्सिटी ही उठा रही है। अगर एमडीयू इस ट्रॉफी को जीतती है तो उसे दो करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होगी। इस राशि से इंफ्रॉस्ट्रक्चर को सुधारने में काफी मदद मिल सकेगी। इस वजह से एमडीयू ने खेलों के बढ़ावे और प्रतिस्पर्धा की कमी को पूरा करने के लिए फरमान जारी किया है। उधर, डीएवी कॉलेज के डीपीई नरेंद्र दुग्गल का कहना है कि इतनी अच्छी सुविधाएं यूनिवर्सिटी दे रही है। कॉलेजों को इसका फायदा उठाना चाहिए। 
कॉलेजों को एंट्री फीस जमा कराने की तारीख निर्धारित कर दी गई है। अब जो कॉलेज भाग नहीं लेगा उस पर दो साल का खेल प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। अगर लगातार तीन साल भाग नहीं लेगा तो उसका एफिलेशन समाप्त किया जा सकता है। सभी काॅलेजों को सूचना जारी कर दी है कि वह खेल एंट्री फीस जमा कराएं। इसके बाद ही खेल कैलेंडर तैयार किया जाएगा। देवेंद्रसिंह ढुल, स्पोर्ट्स डायरेक्टर एमडीयू 
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साभार: भास्कर समाचार 
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