Sunday, May 1, 2016

करियर मंत्र: मेहनत में रचनात्मकता जोड़कर लगाएं करियर में चार चाँद

एन रघुरामन (मैनेजमेंट फंडा)
स्टोरी 1: अमेरिका और सिंगापुर में रह चुकीं कला पिल्लई को उनके मॉकटेल्स (बिना अल्कोहल वाले पेय) के लिए जाना जाता था, जिन्हें वे घर पर होने वाली पार्टियों के लिए बनाया करती थीं। वे ब्राइट ग्रीन ब्रोकोली फ्लोरेट पीक, चेरी ऑरेंज पैशन फ्रूट सॉस और पाइनएपल नारियल से बनने वाले स्नेक्स भी बहुत अच्छे बनाती थीं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस साल कला ने कनाडा की नीलिमा श्रीराम के साथ चेन्नई में जेरी'ज डेन नामक इन-सलून कैफे खोला है। नीलिमा भी ऐसी पार्टियों के व्यंजनों में उन्हीं की तरह रचनात्मकता दिखाती थीं। दोनों ने दिमाग लड़ाकर बहुत ही आकर्षक मैनू तैयार किया, जिसमें आसानी से खाए जा सकने वाली शाकाहारी डिश, भोजन के अंत में दिए जाने वाले मिष्ठान्न, स्फूर्तिदायक मॉकटेल और कई प्रकार की स्वास्थ्यप्रद ग्रीन टी शामिल हैं। कैफे ने चेन्नई की महिलाएं जिस तरह पेडीक्यूअर और मैनीक्यूअर कराती थीं, उसका तरीका ही बदल दिया। होता यह था कि सेलून में आने वाली महिलाएं सेवाएं लेने के दौरान भूख लग आने की शिकायत करती थी। जेरी'ज डेन की संस्थापक नीलिमा और कला ने इसी बात को भुनाया है। 
जेरी'ज नाम इसलिए रखा गया, क्योंकि यह बहुत ही आरामदायक जगह पर बनाया गया है। ऐसी जगह जो टॉम एंड जेरी की याद दिलाती है। बाल काटे जाने के दौरान तो भोजन नहीं दिया जाता। साफ-सफाई के कारणों से यह अलग जगह पर परोसा जाता है, लेकिन आप पेडीक्यूअर के दौरान पास्ता या पनीनी सैंडविच खा सकते हैं या अपने नाखूनों की साज-सज्जा कराते वक्त किसी मॉकटेल की चुस्कियां ले सकते हैं। चीजें उदारता से परोसी जाती हैं और सारे सैंडविच बहुत ही चटपटे सलाद के साथ आते हैं। इसके पीछे विचार यह है कि स्पा में आने वालों को घर जाकर खाना बनाने की चिंता से मुक्त कर वाकई तनावमुक्त होने का मौका दिया जाए, क्योंकि उन्होंने देखा कि कई लोग स्पॉ की सेवाएं बीच में छोड़कर कुछ खाने के लिए घर चले जाते थे। इस बड़े से सलून में एक छोटी ईटरी भी है, जिसके जरिये स्पॉ में आने लोग भी जेरी'ज डेन के व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं। 
स्टोरी 2: बिज़नेस शुरू करने का सपना तो हर कोई देखता है, लेकिन बहुत कम लोगों में वह बड़ा कदम उठाने की हिम्मत होती है और वह भी बैंक जैसे सुरक्षित जॉब में एक दशक बिताने के बाद। शिक्षा पूरी करने के बाद अपने कई मित्रों की तरह भुवनेश्वर के सुब्रत खुंतिया बैंकिंग सेक्टर में काम करने लगे। किंतु उनके मन में हमेशा से अपना कोई बिज़नेस शुरू करने का विचार रहा था और इतने साल बाद भी उन्होंने वह इरादा त्यागा नहीं था। आखिरकार बैंक में 11 साल बिताने के बाद उन्होंने अपने दिल की आवाज सुनी और नतीजा था विजी सर्विसेस, यह एक मोबाइल एप है जो रोजमर्रा के कामों में लोगों को सेवाएं देता है। खुंतिया ने पिछले साल जून में अपने नौकरी छोड़ी और इस एप पर काम करने लगे। 
एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध यह एप करीब 60 सेवाएं देता है, जिसमें प्लंबिंग, सुतारी, बिजली का काम, कंप्यूटर रिपेयर और पेस्ट कंट्रोल जैसी सेवाएं तक शामिल हैं। इनके अलावा यूज़र कार वॉश, लॉन्ड्री और केयरटेकर, ट्यूटर तथा डान्स म्यूज़िक टीचर की सेवाएं भी ले सकते हैं। एप के जरिये ही सरकारी नीतियों संबंधी सेवाएं और कानूनी सहायता भी ली जा सकती है। इसके अपने कुछ एजेंट हैं, जो सहायक की भूमिका निभाते हैं। कोई चाहे तो इवेंट मैनेजमेंट और वित्तीय सलाह जैसी सेवाओं के बारे में मदद ले सकता है। 35 वर्षीय अांत्रप्रेन्योर का उद्‌देश्य सेवा उद्योग में बड़ा बदलाव लाना है। उन्होंने भुवनेश्वर के बाद इस फरवरी में मुंबई से भी काम शुरू किया है। उनके एप पर 200 से ज्यादा सेवाप्रदाता हैं और प्रतिदिन सैकड़ों ग्राहक उनके एप को आजमाकर देख रहे हैं। जल्द ही वे गुवाहाटी और पुणे में भी अपना काम शुरू करने वाले हैं। इस साल के अंत तक वे देश के 10 शहरों में पैठ बनाना चाहते हैं। 
फंडा यह है कि आपकी मेहनत ही आपका गौरव है। बस जरूरत है इसे थोड़ी रचनात्मकता देने की और बस आपके कॅरिअर में चार चांद लग जाएंगे।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com

साभार: भास्कर समाचार 
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