राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्र के नाम अपने अंतिम उद्बोधन में बुधवार को बराक ओबामा ने आतंकवाद के सिलसिले में पाकिस्तान के प्रति अपनी सोच स्पष्ट कर दी। उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व के देशों को आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित स्वर्ग (पनाहगाह) जैसा बताया। कहा कि हालात काबू न किए गए तो भविष्य में स्थिति भयावह हो सकती है। राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि आतंकवाद से अमेरिका
और सहयोगी देशों को बचाए रखने के लिए उन्होंने हर संभव उपाय किए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जहां खतरा था-वहां कार्रवाई की। ओसामा बिन लादेन पर की गई कार्रवाई इसका उदाहरण है। अपने एक घंटे के भाषण में ओबामा ने कहा कि अल कायदा के बाद अब आतंकी संगठन आइएसआइएस से हमें सीधा खतरा है। ये वे लोग हैं जिनके लिए मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है। उनके लिए अपने जीवन का भी महत्व नहीं है। वे दुनिया को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि अमेरिका की विदेश नीति अल कायदा और आइएस के खात्मे पर आधारित है। हालात पर काबू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए ओबामा ने कहा, आइएस केवल मौजूदा स्थानों पर ही रहने वाला नहीं है। यह मध्य-पूर्व के देशों से आगे बढ़ते हुए अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अफ्रीका और एशिया के देशों तक पहुंच सकता है। इनमें से कुछ स्थान इसके लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकते हैं। राष्ट्रपति ओबामा ने कहा, आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए दुनिया हमारी तरफ देख रही है। लेकिन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई बहुत मुश्किल कार्य है। इसके लिए अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी को हमारा साथ देना चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए हमें अमेरिकी जनता का समर्थन चाहिए। इससे दुनिया और अमेरिकी सैन्य बलों को संदेश जाएगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कुछ ही महीनों में इसके लिए मतदान होगा। ओबामा की समर्थन की अपेक्षा इसी चुनाव के मद्देनजर है।
तीसरे विश्वयुद्ध होने का खतरा नहीं: आतंकवाद के खतरे पर चर्चा करते हुए ओबामा ने कहा, दोनों ही इस्लामी आतंकी संगठन इंटरनेट के जरिये लोगों के दिमाग में जहर भरने का भी काम कर रहे हैं। इस सबके बावजूद हम आइएस को बर्बाद कर रहे हैं। दुनिया में हमारी पहुंच की कोई सीमा नहीं है। हम हर जगह जाकर आतंकवाद का खात्मा करने में सक्षम हैं। उन्होंने तीसरे विश्व युद्ध जैसा कुछ भी न होने का भरोसा दिया।
साठ देश लड़ रहे आइएस से: राष्ट्रपति ओबामा ने बताया कि अमेरिका ने दुनिया के 60 से ज्यादा देशों को आइएस के खिलाफ लड़ाई में एकजुट किया है। ये देश आतंकी संगठन के आर्थिक, सामरिक और वैचारिक संसाधनों को मिल-जुलकर खत्म करने का काम कर रहे हैं। इस दौरान करीब दस हजार हवाई हमले करके संगठन के प्रशिक्षण शिविर, ठिकाने, आर्थिक संसाधन नष्ट किए गए हैं। हम इराक और सीरिया में आइएस से लड़ने वाले बलों को हथियार और प्रशिक्षण दे रहे हैं।
धर्म के आधार पर न बांटें: राष्ट्रपति ओबामा ने अमेरिका के चुनाव में धर्म और नस्ल के इस्तेमाल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस आधार पर लोगों को नहीं बांटा जाना चाहिए। जाहिर है उनके निशाने पर रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप हैं, जो मुस्लिमों पर टिप्पणी करके अमेरिका में खासी लोकप्रियता बटोर चुके हैं। ओबामा ने कहा कि धर्म और नस्ल के आधार पर राजनीति करने वालों को हमें नकारना चाहिए, क्योंकि ये अमेरिका की लोकतांत्रित व्यवस्था के लिए ठीक नहीं हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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