आलोचना चाहे अच्छे उद्देश्य से हमारे हितैषी ने की हो या आहत करने के लिए कट्टर दुश्मन ने इससे सामना आसान नहीं होता। इससे सही तरीके से नहीं निपटा गया तो यह स्वाभिमान को नष्ट कर सकती है। इससे गरिमा और तटस्थता से लेकर ही खुद में सुधार संभव है। जब अालोचना आपके स्वाभिमान को चोट
पहुंचाए तो क्या करें? आइए जानते हैं:
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साभार: भास्कर समाचार
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