Saturday, April 4, 2015

CRP कार्यशाला: टी सी गुप्ता ने क्या कहा हिसार में

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का उत्थान जरूरी है। प्रति बच्चा प्राइवेट स्कूलों से दोगुना खर्च के बाद भी बच्चों को अक्षर ज्ञान तक नहीं है। यह चिंता कक्षा तत्परता कार्यक्रम कार्यशाला के दौरान प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने व्यक्त की। गुप्ता ने बताया कि लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। जब तक शिक्षक गंभीर नहीं होंगे, किसी भी सूरत में शिक्षा स्तर में सुधार नहीं हो सकता है। यही वजह है कि पूर्व की अपरिपक्व शिक्षा नीतियों के
कारण ही पहली कक्षा के बच्चे अक्षर नहीं पहचानते हैं। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com यह जानकार और भी हैरानी होगी कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा वार्षिक 32 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। निजी स्कूलों में करीब 15 हजार रुपये। इसके बावजूद निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवाने अभिभावक नहीं आते हैं।

स्कूल मुखियाओं की खिंचाई की: प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने बातों-बातों में स्कूल मुखियाओं का खिंचाई की। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में पहुंचने का समय दस बजे का था। दस बजकर 15 मिनट पर 1133 में से 383 नहीं पहुंचे। इसके बाद 11 बजे यह संख्या घटकर 102 पहुंच गई। 12 बजे 39 और फिर साढ़े 12 बजे जाकर सभी आडिटोरियम में पहुंचे। इस पर स्कूल मुखियाओं को समय पर आने की हिदायत दी।
पिछले वर्ष की एपीएआर में काफी खामियां थीं: शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक सुमेधा कटारिया ने बताया कि पिछले साल शिक्षकों की एपीएआर या वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट भरी गई थी। इसमें काफी खामियां मिली हैं। इससे संबंधित शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखियाओं और शिक्षकों ने रिपोर्ट हल्के में ली है। रिपोर्ट में अवकाश का विवरण मांगा था, जिसे खाली छोड़ दिया गया।
अब प्रति माह होंगे सतत् मूल्यांकन टेस्ट: सरकारी स्कूलों में प्रति वर्ष सतत मूल्यांकन टेस्ट लिया जाएगा। अभी पाठ्यक्रम में ‘गीता’ को शामिल करने का मामला विचाराधीन है। प्रदेश के 1026 स्कूलों में छात्र-छात्रओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था होगी। यह काम 30 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। जो स्कूल मंदिर या धर्मशाला में चल रहे हैं, उनके लिए स्थायी जमीन या भवन की व्यवस्था करवाने के लिए निर्देश दिए हैं।
अनुपस्थिति पर कटेगा वेतन: प्रधान सचिव गुप्ता ने दो टूक कहा किसी भी सूरत में शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारी की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। अगर कोई शिक्षक स्कूल में अनुपस्थित है और बिना कारण छुट्टी पर है तो उसका वेतन काटा जाएगा।
36 आरोही स्कूलों में बेसिक सुविधा नहीं: कार्यक्रम के दौरान एक महिला अधिकारी ने बताया कि 36 आरोही स्कूलों में विद्यार्थियों को बेसिक सुविधा नहीं मिल पाई है। यहां तक कि एससी-बीसी के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप न फंड और न ही सुविधा मिल रही हैं। इस पर प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने बताया कि इस साल में आरोही स्कूल संबंधित समस्याओं का समाधान करवा दिया जाएगा। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1023 कार्य ऐसे हैं, जिनका काम फंड न आने के कारण पूरा नहीं हो सका है। इसलिए एसडीओ, जेई की बैठक में उन्हें कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 80 करोड़ रुपये की जरूरत है, जो जल्द मुहैया करवा दिया जाएगी।
बजट की कोई कमी नहीं: कार्यशाला के समापन से पहले प्रधान सचिव टीसी गुप्ता ने उपस्थित स्कूल मुखियाओं को सवाल पूछने का मौका भी दिया। जिनका संतोषजनक जवाब भी मिला। पूछे गए सवाल का जवाब दिया कि शिक्षा विभाग में बजट की कोई कमी नहीं है। बच्चों को विभिन्न स्कीमों के तहत प्रोत्साहन राशि जारी कर दी जाएगी। जिला शिक्षा विभाग में कुल 75 करोड़ रुपये विभिन्न मदों में पड़े हैं। इसका प्रयोग कर सकते हैं।
साभार: जागरण समाचार
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